Truth wins: Captain Amarinder Singh: सत्य की जीत हुई : कैप्टन अमरिंदर सिंह

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लुधियाना। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिटी सेंटर घोटाले के केस में उनके और बाकी आरोपियों के विरुद्ध दोषों को खारिज करने के अदालती फैसले का स्वागत करते हुए इसको राजनीतिक रंजिश की कार्रवाई के विरुद्ध उनकी लड़ाई की जीत बताया है। इस केस पर अदालत द्वारा फैसला सुनाने के बाद अदालत के बाहर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य की जीत होने के साथ-साथ राजनीतिक तौर पर पे्ररित दोषों के विरुद्ध उनके स्टैंड की भी पुष्टि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केस में उनके और पारिवारिक सदस्यों का कानून और अदालत में हमेशा ही अटूट विश्वास रहा है। उन्होंने कहा कि सत्य की जीत के लिए 13 साल का समय लगा परंतु अदालत के फैसले ने यह सिद्ध कर दिया कि आखिर में जीत सच्चाई की होती है। उन्होंने कहा कि पटीशनर्स द्वारा अदालत के सामने सबूतों के तौर पर पेश किए गए मनघड़ंत झूठे आरोप का कोई अस्तित्व नहीं था और निर्लज्जता से कहे गए झूठ से पूरी तरह पर्दा उठाया गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख के साथ कहा कि इस प्रक्रिया में पीड़ितों को भी कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि उनको अपने ऊपर लगे दोषों से मुक्त होने और साख की बहाली के लिए इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस केस में 36 आरोपियों में से पांच केस की सुनवाई के लंबे अरसे के दौरान, इस घोटाले में अपने सम्मिलन होने के दोषों का दुख लेकर इस दुनिया से चले गए। उन्होंने कहा कि आज इन लोगों पर लगे दोष खारिज हो जाने से इनके पारिवारिक सदस्य अब शांति के साथ रह सकते हैं।

सभी आरोपियों को क्लीन चिट
सैशन कोर्ट के जज गुरबीर सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और बाकी सभी आरोपियों को क्लीन चिट देने संबंधी विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दायर की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकृत करते हुए कहा कि किसी भी मुलजिम के विरुद्ध भ्रष्टाचार का कोई भी मामला सामने नहीं आया। जज ने फैसला सुनाया कि किसी आरोपी के विरुद्ध कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन परमजीत सिंह भ्रष्टाचार में शामिल नहीं था हालांकि वह अपने सीनियर के आदेशों की अवज्ञा किए जाने का कसूरवार हो सकता था।

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