चमोली। चमोली में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट गया जिसके कारण विकराल बाढ़ आ गई। चमोली उत्तराखंड में इसके कारण ऋषि गंगा नदी में विकराल बाढ़ आ गई और भारी तबाही का मंजर देखने को मिला। पानी और मिट्टी केइस सैलाब ने कई लोगों को बहा लिया। अब तक 18 शवों को बरामद कर लिया गया है। जबकि अभी भी 200 लोग लापता हैं। इस बाढ़ के कारण ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। इस आपदा के बाद केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी तपोवन पहुंच चुके हैं। आज तलाशी के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगी हैं। तलाशी अभियान में खोजी कुत्तों को साथ लिया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने जानकारी दी कि अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है। हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है। तपोवन की टनल में राहत और बचाव कार्य अभी चल रहा है। आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य में स्निफर डॉग की मदद ले रहे हैं। एस एन प्रधान ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं। सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है। जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं। आर्मी मेडिकल टीम के मेजर इकजोत सिंह ने कहा कि रविवार को सुरंग से निकाले गए 12 लोगों का इलाज कराया गया, अब उनकी हालत स्थिर है।
Chamoli glacier accident – 200 people have no information till now: चमोली ग्लेशियर हादसा- अब तक भी 200 लोगों की कोई जानकारी नहीं, तलाशी अभियान में मदद दे रहे खोजी कुत्ते
RELATED ARTICLES