Many important decisions taken in the cabinet meeting chaired by the Chief Minister of Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए कई अहम फैसले

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में 2475 से अधिक पदों को भरा जाएगा। राज्य के सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग में कुल 1578 पद भरे जाएंगे। वहीं, राज्य के स्कूलों में विभिन्न श्रेणियों के 819 पद भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इन पदों को भरने को मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 819 पद भरने की मंजूरी दी गई। इनमें जेबीटी के 532, भाषा अध्यापकों के 35, शास्त्रियों के 133, टीजीटी (कला) के 104, टीजीटी (नॉन मेडिकल) के आठ और टीजीटी (मेडिकल) के सात पद शामिल हैं। यह पद अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे। बैठक में पैरा कार्यकर्ताओं के 1578 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें 417 पैरा पंप आॅपरेटर, 287 पैरा फीटर और 874 बहुद्देश्यीय कार्यकर्ता शामिल हैं। इन पदों को सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की 394 नई पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं के संचालन के लिए विभाग की पैरा कार्यकर्ता नीति के तहत भरा जाएगा।
बागवानी विभाग में भी होगी नियुक्तियां
कैबिनेट ने बागवानी विभाग में अनुबंध आधार पर कनिष्ठ टेक्निशियन के 16 पद भरने का निर्णय लिया है। इनमें से आठ पद सीधी भर्ती के माध्यम से और आठ पद बैच के आधार पर भरे जाएंगे। वहीं, प्रदेश उच्च न्यायालय में सीधी भर्ती के माध्यम से सिविल जज के 11 पद भरने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने मंडी उपायुक्त कार्यालय में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के छह पद और सेवादारों के सात पद भरने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने हाल ही में खोले गए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नालागढ़ और नागरिक न्यायालय बंजार, तीसा और शिलाई में नियमित आधार पर रिकॉर्ड कीपर के चार पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं, उद्योग विभाग में चालकों के तीन पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई है।
चीड़ की पत्तियों को एकत्रित करने की नीति में होगा बदलाव
कैबिनेट में वन क्षेत्रों से चीड़ की पत्तियों को एकत्रित करने और हटाने के लिए नीति में संशोधन का निर्णय लिया गया, ताकि आग की घटनाओं को कम किया जा सके और हितधारकों को चीड़ की पत्तियों को हटाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसके अतिरिक्त संशोधन के अनुरूप उद्योगों को चीड़ की पत्तियों को ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उधर, प्रदेश के जलाशयों में मछली के दामों में एकरूपता लाने, मछली को एक ब्रैंड बनाने और मछली उत्पादन से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से राज्य के जलाशयों के लिए एक परियोजना को भी कैबिनेट में स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने बिलासपुर जिला के बेसाखी-नलवाड़ मेला झंडुता और नलवाड़ मेला सुनहाणी को जिला स्तरीय मेला घोषित करने को स्वीकृति प्रदान की, ताकि जिला की समृद्धि संस्कृति और परम्पराओं को बढ़ावा दिया जा सके।

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