Lokinder Bekta, Himachal Cabinet Decisions – Travel in Himachal Bus Costs: हिमाचल केबिनेट के निर्णय-हिमाचल में महंगा हुआ बस में सफर

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लोकिन्दर बेक्टा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बस में सफर करना और महंगा हो गया है। कोरोना संकट से जूझ रही जनता पर सरकार ने बस किराया बढ़ाकर और बोझ लाद दिया है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने बस किराए में 25 फीसदी बढ़ोतरी करने पर मुहर लगाई है। साथ ही न्यूनतम किराया भी बढ़ाया है। इसे मौजूदा पांच रूपए से बढ़ाकर 7 रूपए कर दिया है और यह पहले तीन किलोमीटर पर लागू होगा। इसके बाद पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में सभी प्रकार की यात्रा के लिए वर्तमान प्रति किलोमीटर किराये में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई।
केबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा-108 के तहत पुरानी हो चुकी 38 एम्बुलेंस को बदलने की स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय प्रदेश में स्वास्थ्य प्रणाली में 108 एम्बुलेंस की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखकर लिया गया है। उद्योग विभाग ने मंत्रिमंडल के समक्ष व्यापार में सुगमता पर प्रस्तुति दी। विभाग ने निवेशकों की सुविधा और राज्य में व्यापार में सुगमता में सुधार लाने के उद्देश्य से 46 सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया। मंत्रिमंडल ने विभाग को सुधार की इस दिशा में समयबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए। वहीं, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-केबिनेट के लिए हार्डवेयर की प्रस्तुति दी और मंत्रिमंडल ने विभाग को 16 कार्य स्थल (वर्क स्टेशन) खरीदने के लिए अधिकृत किया। यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए तीसरे पक्ष से सुरक्षा ऑडिट करवाया जाएगा।
बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को हमीरपुर जिला की उखली में 0-37-54 हेक्टेयर भूमि पट्टे पर 33/11 केवी उप केंद्र निर्मित करने के लिए सरकारी भूमि देने का निर्णय लिया गया। यह भूमि वर्तमान सर्कल रेट के 20 प्रतिशत यानी एकमुश्त 11,26,200 रुपये की दर और उसके उपरांत 99 वर्षों के लिए एक रुपये प्रतिमाह पट्टे पर दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने हमीरपुर जिला के बमसन में कनिष्ठ अभियंता कार्यालय और टिक्करी सैक्शन के शिकायत कक्ष के निर्माण के लिए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के पक्ष में वर्तमान सर्कल रेट के 20 प्रतिशत यानी एकमुश्त 34008 रुपये और उसके उपरांत 99 वर्षों के लिए एक रूपये प्रतिमाह पट्टे पर आठ मरला सरकारी भूमि देने को मंजूरी प्रदान की।
केबिनेट बैठक में उन 34 ईजीएस अनुदेशकों को ग्रामीण विद्या उपासकों के रूप में परिवर्तित करने का फैसला हुआ, जिन्होंने इसके लिए अनिवार्य योग्यता पूर्ण कर ली है। मंत्रिमंडल ने चंबा जिला के भरमौर विधानसभा क्षेत्र के शिक्षा खंड मेहला-1 ग्राम पंचायत बाकन के तहत लोअर थरेड़ी में नया राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोलने को मंजूरी प्रदान की। अभियोजन विभाग में अनुबन्ध आधार पर कनिष्ठ कार्यालय सहायकों (सूचना प्रौद्योगिकी) के तीन पद भरने का निर्णय लिया गया है।
बस विधायक बस में निशुल्क नहीं करेंगे यात्रा, देना होगा किराया 
केबिनेट में सांसदों और विधायकों को हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में प्रदेश के अंदर और प्रदेश के बाहर निःशुल्क यात्रा की सुविधा वापिस लेने की सहमति बनी। बहरहाल, यह सुविधा पूर्व सांसदों और विधायकों को जारी रहेगी। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में सहायक लाइब्रेरियन काडर के 771 खाली पदों को कनिष्ठ कार्यालय सहायक (पुस्तकालय) के रूप में परिवर्तित करने को मंजूरी प्रदान की, ताकि प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में पुस्तकालयों की कार्य प्रणाली में सुधार आ सके। ऊना जिला के लाला जगत नरैण हिमोत्कर्ष कन्या महाविद्यालय कोटला खुर्द को वर्तमान नीति के अनुरूप पात्र शिक्षकों और गैर शिक्षक स्टाफ सहित सरकारी नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया गया है।
सरकार ने निजी बस आपरेटरों काे लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश की 70 लाख की आबादी पर महंगे किराए का बाेझ डाला है। निजी बस आपरेटरों ने काेराेना संकट का हवाला देते हुए राज्य सरकार से बस किराए में 50 फीसदी तक की बढ़ाेतरी किए जाने की मांग की थी और  सरकार ने भी तुरंत बस आपरेटराें की मांग काे मान लिया और बस किराए में 25 फीसदी की बढोतरी कर दी। भाजपा सरकार ने डेढ़ वर्ष पहले ही बस किराए में बढ़ाेतरी की थी। उस समय सरकार ने न्यूनतम किराया पांच रुपए किया था और अब इसमें और बढ़ोतरी करते हुए सात रुपए कर दिया। प्रदेश में इस समय कुल 6500 बसें हैं। इनमें निजी 3 हजार से अधिक बसें है और इतनी ही सरकारी बसें हैं। इनमें प्रदेश की करीब 80 फीसदी की आबादी सफर करती है। बस किराए में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि से लाेगाें की जेब पर और बाेझ पड़ गया है।
केबिनेट में भी हुई कोरोना के बढ़ते मामलों पर चर्चा 
 
हिमाचल में कोरोना संक्रमण के मामलों की रप्तार बढ़ने के कारण आम लोगों के साथ-साथ सरकार को भी चिंता में डाल दिया है। मई माह में कोरोना मुक्ति की ओर बढ़ रहे हिमाचल में बीते दो दिनों में कोरोना संक्रमण के एक सौ से अधिक मामले आने के बाद सरकार कोरोना संक्रमण की रणनीति पर फिर से मंथन करने लगी है। प्रदेश के दो प्रमुख औद्योगिक जिलों सोलन व सिरमौर में कोरोना के मामलों में ऐकाएक आए उछाल को देखते हुए सोमवार को केबिनेट की बैठक में भी एजेंडा से हट कर इस मामले पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना के मसले पर मंत्रियों व अधिकारियों के साथ चर्चा की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अभी तक कोई भी सैलानी कोरोना पाजिटिव नहीं पाया गया है। कोरोना प्रभावित राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली व गुजरात से घर वापसी करने वालों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। वहीं, उद्योगों के चलने के बाद बाहर से आने वाले श्रमिक भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के सोलन व सिरमौर जिलों के अलावा कोरोना प्रभावित अन्य जिलों में भी क्वारेंटाइन व अन्य सुविधाएं बढ़ाने को कहा। साथ ही प्रदेश में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के दस्तावेजों की पुख्ता जांच की जाए।
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