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टीटीई मर्डर मामला : शव उठाने से पहले ग्रामीणों ने रखी तीन मांगे, एएसपी ने दिया आश्वासन

आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। शहर के सनौली रोड पर बुधवार रात एक रेलवे टीटीई मनप्रीत मलिक की चाकू घौंपकर हत्या करने के मामले में गुरुवार को बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम किया गया है। इसके अलावा मामले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसडीएम वीरेंद्र ढुल रहे। सुबह से दोपहर तक चले इस पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया के दौरान अस्पताल में गांव उग्राखेड़ी के 500 लोग मौजूद रहे थे।

एसपी और डीसी के ना पहुंचने पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

लोगों ने मौके पर एसपी और डीसी को बुलाने की मांग की। मगर दोनों की व्यस्यता के चलते वे मौके पर नहीं पहुंच पाए। जिससे मौके पर लोगों में गुस्सा फूट गया था और गर्मा-गर्मायी हो गई थी। सीआईडी रिपोर्ट के आधार पर मौके पर पुलिस प्रशासन की ओर से एएसपी विजय कुमार और जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम वीरेंद्र ढुल मौके पर पहुंचे थे। दोनों लोगों की मांगे सुनी और उचित आश्वासन देते हुए रोषित लोगों को कंट्रोल किए। हालांकि सूत्रों के अनुसार इस मामले में पुलिस ने 6 नामजद लोगों की पहचान करते हुए 4 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है।

 

 

Panipat News/TTE Murder Case: Villagers made three demands before lifting the dead body. ASP assured
Panipat News/TTE Murder Case: Villagers made three demands before lifting the dead body. ASP assured

गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे ग्रामीण

गांव उग्राखेड़ी के करीब 500 लोगों ने सिविल अस्पताल में ही पंचायत की। हालांकि ग्रामीणों की मांग थी कि मौके पर एसपी शशांक कुमार सावन आए और मामले में तस्वीर स्पष्ट करते हुए आरोपियों की गिरफ्तार संबंधित कोई आश्वासन दें। सुबह से दोपहर तक लोग इसी बात पर अड़े रहे। दोपहर को एएसपी विजय सिंह सिविल अस्पताल पहुंचे। यहां डीएसपी प्रदीप कुमार, एसएचओ महिपाल समेत भारी संख्या में पुलिस दलबल था। ग्रामीणों की तरफ से जिला बार एसोसिएशन प्रधान सुरेंद्र दूहन ने आपसी सलाह कर पुलिस प्रशासन के समक्ष अपनी मांगे रखी। जिसमें तीन मांगे मुख्यत: रखी गई। इन तीनों मांगों पर पुलिस व जिला प्रशासन ने सहमति दर्ज करवाई। जिसके बाद परिजन शव को सिविल अस्पताल ले कर गांव चले गए।

ये तीन मांगे रखी

1. वारदात में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हर आरोपी की गिरफ्तारी दो-तीन दिन के भीतर हो।
2. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ करते वक्त गांव के भी चार-पांच मौजिज लोगों को शामिल किया जाए, ताकि हत्या की असल बातों का ग्रामीणों को भी पता लग सके।
3. जिले में हर साल होने वाली हनुमान स्वरुप सभाओं पर प्रतिबंध होना चाहिए।
वहीं एएसपी ने आश्वासन दिया कि आरोपियों की पहचान हो चुकी है। उन्हें आगामी दो दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस की टीमें उनकी धरपकड़ में जुटी है। दूसरा पंचायत का प्रतिमंडल जिन भी चार लोगों के नाम पूछताछ में शामिल होने के देगा, उन्हें शामिल जरुर किया जाएगा। तीसरा हनुमान स्वरुप सभाओं पर बैन के लिए एसडीएम वीरेंद्र ढुल के माध्यम से डीसी से कहा जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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