पानीपत। सेना में सिपाही रहे पानीपत जिला के गांव अटावला निवासी दरिया सिंह ने 1971 में भारत – पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में जो वीरता दिखाई। उसने आगे की पीढ़ियों में देश सेवा का जज्बा भर दिया। भले दरिया सिंह ने इस युद्ध में बलिदान दिया लेकिन आगे की पीढ़ी उन्हीं के पदचिन्हों पर चल पड़ी। एसआई मनोज कुमार ने पहले दादा दरिया सिंह को सेना में तो फिर चाचा सुखवीर देसवाल को हरियाणा पुलिस, चाचा शमशेर देसवाल सेना से सेवानिवृत्त और भाई अमित कुमार सेना और एक भाई देवेंद्र को दिल्ली पुलिस में तैनाती के साथ देश सेवा करते देखा तो कर्मठता व ईमानदारी के चलते राष्ट्रपति पुलिस पदक हासिल किया।
मनोज दिसंबर 2003 में बतौर सिपाही हरियाणा पुलिस में भर्ती हुए
एसआई मनोज कुमार बताते हैं कि सामान्य हालात हो या फिर कोरोना काल जैसी आपदा, हर मोर्चे पर उन्होंने ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से ड्यूटी की। कोरोना काल में तत्कालीन आईजी के साथ वह कैथल में तैनात रहे। जहां लोगों को महामारी से बचाने के हरसंभव प्रयास किए। यह उनकी ड्यूटी के प्रति ईमानदारी, लगन का परिणाम है कि 165 प्रशंसापत्र मिल चुके हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला
एसआई मनोज कुमार कहना है कि उच्चाधिकारियों के दिखाए सही रास्ते व कर्मियों के सहयोग से हरसंभव बेहतर परिणाम देते रहे हैं। तो अपनी काबिलियत, ड्यूटी के प्रति ईमानदारी व निष्ठा के बल पर 2012 में हवलदार बन गए। दो साल बाद 2014 में एएसआई पदोन्नत हुए। जून 2021 में वह एसआई बने और आजादी के अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। इससे पूरे विभाग व परिवार में खुशी का माहौल है।