Homeहरियाणापानीपतडॉ.एमकेके आर्य मॉडल विद्यालय में रामायण "लघु नाटिका" का अद्भुत मंचन 

डॉ.एमकेके आर्य मॉडल विद्यालय में रामायण “लघु नाटिका” का अद्भुत मंचन 

आज समाज डिजिटल, पानीपत :

 

 

पानीपत। भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित चारों सदनों द्वारा चार लघु नाटिकाओं का मंचन किया गया, जिसमें कक्षा चौथी से दसवीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। सर्वप्रथम शक्ति सदन ने सीता स्वयंवर प्रस्तुत किया जिसमें मिथिला पुरी में राजा जनक दरबार की शोभा बहुत ही मनोरम रही। इस नाटिका में हास्य, वीर, रौद्र, श्रृंगार आदि रसों का समावेश रहा तत्पश्चात निष्ठा सदन ने कैकई -मंथरा संवाद प्रस्तुत किया जिसमें माता कैकई का कोप भवन में जाना मंथरा की कुटिलता देख दर्शक दीर्घा में रोष विस्तार होने लगी। उसके बाद आस्था सदन ने सीता हरण का प्रदर्शन किया जिसमें लक्ष्मण रेखा कभी ना लाघने का दृश्य प्रस्तुत किया गया।

 

भक्त व भगवान के बीच के असीम प्रेम को दर्शाने की बड़ी ही अच्छी कोशिश की

अंत में अहिंसा सदन ने शबरी की कुटिया में राम आगमन का मंचन किया, जिसमें भक्त व भगवान के बीच के असीम प्रेम को दर्शाने की बड़ी ही अच्छी कोशिश की गई। राम ने शबरी के जूठे बेर खाकर यह संदेश दिया कि भक्ति में किसी भी प्रकार की सामाजिक सीमा नहीं होती है। इस अवसर पर विद्यालय के निर्देशक आरएल सैनी जी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के के द्वारा किए गए अप्रतिम कार्यों को अपने जीवन में अपनाना चाहिएlदीपोत्सव का त्यौहार सात्विकता पर लोगों की आस्था का एक अद्वितीय परिचायक है राम प्रभुता के शिखर पर विराजित होने के बावजूद लोकनायक हैं प्रभुत्व व मनुष्यत्व दोनों एक साथ अधिक समय तक नहीं टिक पाते पर प्रभु राम इसके अपवाद हैं, इसीलिए साक्षात ईश्वर हैं।

 

लघु नाटिका में आस्था सदन 55 अंक प्राप्त करके प्रथम

वे राजवंशी हैं पर उनकी प्रजा उनके स्नेह द्वारा शासित होने के साथ-साथ उनके प्रति भक्तिभाव से समर्पित भी है। प्रधानाचार्य मधुपराशर जी, शैक्षणिक सलाहकार मंजू सेतिया और भाषा एवं गतिविधि प्रभारी मीरा मारवाह ने अपने संबोधन में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्राकट्य में पूरी प्रकृति का उल्लास है, बचपन में पूरे अंत:पुर की उमंग है, निष्कासन में समूची अयोध्या का दुख है, वनागमन में समस्त सात्विकों का संभल है, लड़ाई में पूरे देवताओं की प्रार्थना है तथा विजय में शाश्वत सत्य का एक  चिर प्रतीक्षित उदोष है। राम के अयोध्या लौटने पर हर आंख कौशल्या है और हर भुजा भरत है। इस लघु नाटिका में आस्था सदन 55 अंक प्राप्त करके प्रथम, निष्ठा सदन 41  द्वितीय स्थान, अहिंसा सदन 40.5 और तृतीय स्थान पर रहा।

 

 

 

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