Citizens should fulfill the responsibility of separating garbage in their homes: Anil Baijal: नागरिक अपने घरों में ही कूड़े को अलग-अलग करने की जिम्मेदारी निभायें: अनिल बैजल

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New Delhi: Delhi Lt Governor-designate Anil Baijal is greeted by Congress leader Mukesh Sharma in New Delhi on Thursday. PTI Photo (PTI12_29_2016_000157B)

 नई दिल्ली।  दिल्ली नगर पालिका परिषद् के हरित प्रयासों द्वारा पर्यावरण अनुकूल समाधान से जैविक कूड़े का निपटान कूड़े से एक प्रकार संपत्ति अर्जित करने के समान है लेकिन इस प्रयास में नागरिकों को अपने घरों से ही कूड़े को अलग-अलग करने की आदत डाल कर, इसमें सहयोग करना होगा। इस उद्देश्य के लिए प्रत्येक नागरिक कूड़े को अलग-अलग करने के लिए स्वयं जिम्मेदार है, जिससे कि कूड़े को लैंडफिल स्थानों पर इकठ्ठा किये जाने से रोका जा सके ।
यह बात आज दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पालिका परिषद् की गोल मार्किट क्षेत्र में राजा बाजार स्थित नर्सरी में जैविक कूड़े को खाद में बदलने वाले संयंत्र का उद्घाटन करने के उपरांत कही। यह संयंत्र नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् ने श्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम न्यास के संयुक्त तत्वाधान में स्थापित किया है।
एनडीएमसी के प्रयासों की सराहना करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि समाज को अपनी सोच बदल कर ज्यादा कूड़ा उत्पन्न नहीं करना चाहिए और इसको इस प्रकार घर में ही अलगदृअलग करना चाहिए जिससे कि उसे वैज्ञानिक ढंग से परिवर्तित करके कूड़े से संपत्ति अर्जित की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस तरीके के प्रयासों को दिल्ली के अन्य स्थानीय निकायों को भी अपने यहां लागू करके दिल्ली को हरा-भरा और साफ स्वच्छ बनाने में सहयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक तथा अंतर्राष्टीय स्तर के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने कहा कि यह समय कूड़े से सोना बनाने का है और हम इस अवसर को प्रदूषित वातावरण को सुगन्धित उद्यानों में बदलने के लिए प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने
यह भी कहा कि हर घर में कूड़े को वहीं अलग-अलग कर लिया जाना चाहिए और इसके लिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक तथा शिक्षित करने की आवश्यकता है, जिससे कि वह अपने घर में उत्पन्न होने वाले कूड़े को जैविक और अजैविक प्रकार से अलग-अलग कर सके।
एनडीएमसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र ने इस अवसर पर कहा कि पालिका परिषद् स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ऐसे प्रयासों में संलग्न है जिससे रसोई के अपशिष्टों को पर्यावरण अनुकूल तरीकों से निपटाया जा सके द्य इससे न केवल श्रम शक्ति को बचाया जा सकेगा अपितु इसके परिवहन पर लगने वाली लागत को भी कम किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि पालिका परिषद् का यह प्रयास राजधानी के वायु प्रदूषण को कम करके यहां न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में भी सुधार लायेगा।

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