बरनाला: किसानों ने गांवों में दाखिल होने वाले राजसी नेताओं का किया बह्ष्किार

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देशभर के नेश्नल तथा स्टेट हाईवे पर लटकाने शुरू किए होर्डिंग, शुरूआत बरनाला व संगरूर से
अखिलेश बंसल, बरनाला:
केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने दिल्ली में किसानों का चल रहा आंदोलन आने वाले दिनों में अधिक आक्रामिक रूप लेने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने तमाम राजनीतिक पार्टियों के राजसी नेताओं का बहिष्कार करने से संबंधित नेश्नल तथा स्टेट हाईवे पर होर्डिंग लटकाने शुरू किए हैं। जिसकी शुरूआत बरनाला व संगरूर जिलों से की है। किसानों ने फैसला किया है कि पूरे देश में ऐसे होर्डिंग लटकाए जाएंगे और किसी लीडर को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। यदि कोई नेता गलती से वोट मांगने या किसी परिवार में खुशी व गमी के मौके पर आ भी गया उस वक्त भी उसका सख्त विरोध किया जाएगा। गौरतलब है कि जिला संगरूर में कीरती किसान यूनिअन ने बहिष्कार से संबंधित बोर्ड लटकाने शुरू किए हैं जबकि जिला बरनाला में भाकियू सिद्धुपुर, भाकियू उगराहां, भाकियू डकौंदा, भाकियू कादीयां ने गांव पक्खोकलां से शुरूआत की है।

289वें दिन किए आक्रामिक ऐलानः
बरनाला के रेलवे स्टेशन पर 289वें दिन के धरने को संबोधित करते किसान नेताओं बलवंत सिंह उपली, करनैल सिंह गांधी, पवित्र सिंह लाली आदि ने कहा कि गत दिनों हरियाणा के सिरसा में भाजपा नेता का घेराव कर रहे किसानों के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज कर दिया गया। इस घटना ने साबित कर दिया है कि सरकारें अंग्रेज साशकों के कानून का सहारा ले रहे हैं। चेतावनी दी कि आगामी पार्लियामेंट सैशन के दौरान किसान आन्दोलन को अधिक प्रभावशाली बनाया जाएगा, हर दिन 200 किसान पार्लियामेंट का घेराव करने पहुंचेंगे।
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