विराट कोहली के लिए IPL13 कितना अहम 

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राजीव मिश्रा
रायल चैलेंजर्स के ज़्यादातर खिलाड़ी बैंगलुरु पहुँच रहे हैं .. टीम के कप्तान विराट कोहली भी टीम के साथ जुड़ेंगे और वो इस टूर्नामेंट का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है … विराट कोहली से उम्मीद लगाए भारतीय फैंस को पिछले कई सीजन में निराशा हाथ लगी  है। इस निराशा की एक बड़ी वजह विराट की बल्लेबाजी और कप्तानी रही है। कोरोना से पहले विराट के करियर में दूसरा सबसे बड़ी बुरा दौर आया .. जिसकी वजह से खुद विराट ipl 13 को बहुत अहम मान रहे है ..
याद कीजिए कैसे विराट न्यूज़ीलैंड दौरे पर सेट्रगल कर रहे थे
वेलिंग्टन टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 2 रन बनाए थे। दूसरी पारी में भी वो सिर्फ 19 रन ही जोड़ पाए। विराट कोहली इस पूरे दौरे में अब तक एक भी बड़ी पारी नहीं खेल पाए थे .. विराट RCB और भारतीय टीम दोनों की धुरी हैं। खास तौर पर टीम की बल्लेबाजी उन्हीं के इर्द गिर्द घूमती है। लेकिन कोरोना काल से पहले खेल के तीनों फॉर्मेट में विराट का न चलना चौंका रहा है। करीब चार साल के बड़े अंतराल के बाद विराट के करियर में ऐसा दौर आया है जब वो किसी भी फॉर्मेट में रन बनाने में नाकाम रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में विराट कोहली के कद को देखते हुए ये बात हर किसी को चौंकाने वाली थी … जाहिर है हर कोई ये सवाल पूछ रहा है कि विराट को आखिर हुआ क्या है।
विराट कोहली को शतक लगाए अब 20 पारियां बीत गई हैं। इसमे टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट की पारियां शामिल हैं। फॉर्म की लिहाज से विराट कोहली के करियर में ये तीसरा सबसे बुरा दौर है। इससे पहले फरवरी 2014 से लेकर अक्टूबर 2014 तक 25 पारियों में उन्होंने कोई शतक नहीं लगाया था। 2011 में भी फरवरी से लेकर सितंबर तक उन्होंने 24 पारियों में शतक नहीं लगाया था। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में उन्होंने कुल 105 रन बनाए थे। इसके बाद वनडे सीरीज में उन्होंने कुल 75 रन बनाए। इसमें एक अर्धशतक शामिल है। टी-20 सीरीज में विराट की फ़ॉर्म पर चर्चा इसलिए नहीं हुई क्योंकि टीम लगातार जीत रही थी। वनडे में लगा कि शिखर और रोहित की ग़ैरमौजूदगी में विराट थोड़े अकेले पड़ गए थे .. जिसका दबाव उनकी बल्लेबाज़ी पर दिख रहा है। लेकिन टेस्ट सीरीज़ में लगभग विराट की ‘कोर टीम’ ही मैदान पर थी। बावजूद इसके उनका बल्ला नहीं चला। टेस्ट मैच का हाल हमने आपको बता ही दिया। विराट की बल्लेबाजी पर और विस्तार से चर्चा करें इससे पहले आपको ये बता दें कि विराट के कोच कोहली के फार्म को लेकर बहुत परेशान नहीं है
अब वापस लौटते हैं विराट कोहली की बल्लेबाजी पर। ऐसा लगता है विराट कोहली अपनी बल्लेबाजी को लेकर कुछ ज्यादा सोच रहे हैं। कुछ ज्यादा दबाव ले रहे हैं। पिछले कुछ मैचों में उन्होंने अपने बल्लेबाजी क्रम को लेकर प्रयोग किया था। इसके बाद से वो लगातार बड़ी पारी खेलने से चूक रहे हैं। आप कोरोना काल से पहले की टेस्वेट सीरीज़ में वेलिंगटन  की दोनों पारियों में उनके आउट होने के तरीके का आंकलन करेंगे तो आप पाएंगे कि विराट कोहली इस तरह से अपना विकेट कम ही देते हैं। विराट तकनीकी तौर पर दक्ष खिलाड़ी हैं। उन्हें अपने विकेट की कीमत पता है। बावजूद इसके पहली पारी में वो ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में आउट हुए। दूसरी पारी में ट्रेंट बोल्ट ने उन्हें ‘शॉर्टपिच’ गेंदों के जाल में फंसा लिया। विराट पुल शॉट खेलने की कोशिश में आउट हुए। आम तौर पर जब खिलाड़ी आउट ऑफ फॉर्म चल रहा हो तो वो जोखिम भरे शॉट्स खेलने से बचता है। सचिन तेंडुलकर का उदाहरण हर किसी को याद होगा। जब ऑस्ट्रेलिया में अपने ऐतिहासिक शतक के दौरान उन्होंने कवर ड्राइव जैसा बुनियादी शॉट नहीं खेला था। विराट कोहली ने दोनों पारियों में ऐसे शॉट पर अपना विकेट गंवाया जो क्रिकेट की ‘रूल बुक’ के मुताबिक नहीं है।

विराट को हर कोई फार्म में देखना चाहता है और uae के बैटिंग फ़्रेंडली पिच उनके लिए सहायक साबित होगी .. वैसे भी विराट के बारे में हर कोई जानता है कि ब्रेक के बाद वो बहुत धमाकेदार वापसी करते है .. इस बार का इंतज़ार बहुत लंबा है तो अंदाज़ा लगाइए .. विराट क्या कुछ करने के मूड में होगें

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