पहले दिन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई सत्र की शुरुआत
Punjab Assembly Special Session (आज समाज), चंडीगढ़ : प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान आई भीषण बाढ़ पर चर्चा और इससे हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करने के लिए पंजाब सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। यह सत्र आज से शुरू हो चुका है। सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ। इसके बाद पूर्व मंत्री हरपाल टोहड़ा, पंजाबी कॉमेडियन जसविंदर भल्ला, पंजाबी संगीत सम्राट चरणजीत आहूजा और बाढ़ में मरे लोगों के अलावा कई हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। ज्ञात रहे कि यह सेशन 29 सितंबर तक चलेगा। सेशन के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा, लेकिन शून्यकाल जरूर रहेगा, जिसमें विधायक अपने मुद्दे उठा सकते हैं।
सेशन के दौरान हंगामा होने की संभावना
इस दौरान बाढ़ के बाद पुनर्वास को लेकर बहस होगी। इस दौरान हंगामे के आसार हैं क्योंकि विपक्ष आप सरकार को बाढ़ और कानून व्यवस्था पर घेर सकता है। मानसून में प्रदेश के 23 जिले बाढ़ की चपेट में आए। इससे 2,565 गांव और 3.90 लाख लोग प्रभावित हुए। 57 लोगों की मौत हुई, जबकि 4 लापता हैं।
राज्य सरकार प्रदेश को आपदाग्रस्त घोषित कर चुकी है। केंद्र की तरफ से 1600 करोड़ रुपए की भी मदद दी गई है। केंद्र का तर्क है कि पंजाब सरकार के पास पहले से स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के 12 हजार करोड़ पड़े हुए हैं।
बाढ़ ने प्रदेश में मचाई तबाही
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन भीषण बाढ़ों से हुई बड़े पैमाने की तबाही का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता क्योंकि पंजाब ने पहले कभी इतना नुकसान नहीं देखा।मुख्यमंत्री ने अफसोस जताते हुए कहा कि पंजाब के 2,300 गाव भीषण बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिससे 20 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है और 5 लाख एकड़ जमीन पर खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बाढ़ के कारण 56 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और लगभग सात लाख लोग बेघर हो गए। इसके अलावा 3,200 सरकारी स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए, 19 कॉलेज मलबे में तब्दील हो गए, 1,400 क्लीनिकों और अस्पतालों को भारी नुकसान पहुंचा , 8,500 किलोमीटर सड़कें तबाह हो गईं और 2,500 पुल ढह गए। उन्होंने आगे बताया कि कुल नुकसान का अनुमान लगभग 13,800 करोड़ रुपये बनता है लेकिन वास्तविक आँकड़े इससे भी अधिक हो सकते हैं।
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