देश के तीन राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप बैन, मध्यप्रदेश में इस सिरप से 27 दिन में 11 बच्चों की हो चुकी मौत,
Coldrif Cough Syrup (आज समाज), नई दिल्ली : बच्चों की खांसी की दवा कोल्ड्रिफ में डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, इसकी मात्रा तय मात्रा से ज्यादा थी। तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप का सैंपल लेकर जांच कराई। इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल 48.6% मिला, जो एक विषैला पदार्थ है। यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। यही कारण है कि यह सिरप जहरीला बन गया और अकेले मध्यप्रदेश में इस सिरप से 27 दिन में 11 बच्चों की मौत हो गई। लगातार हो रही मौत से जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार हरकत में आए और इस दवा पर बैन लगा दिया। इसके बाद तमिलनाडु और अब केरल ने भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप को बैन कर दिया गया है।
यह बोले एमपी स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर
एमपी स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने शनिवार को बताया कि कोल्ड्रिफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, इसकी मात्रा तय मात्रा से ज्यादा थी। इसी कारण यह सिरप विषैला हो गया। ज्ञात रहे कि कोल्ड्रिफ दवा की मैन्युफैक्चरिंग तमिलनाडु के कांचीपुरम में हो रही थी। एमपी के छिंदवाड़ा में पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था। पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी। इसके बाद 15 दिन में किडनी फेल होने से एक-एक कर 6 बच्चों की मौत हो गई।
राजस्थान में भी जानलेवा बनी कफ सिरप
राजस्थान में डेक्सट्रोमेथोरपन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप से आज तीसरे बच्चे की जान चली गई। चूरू के 6 साल के बच्चे को तबीयत बिगड़ने पर जयपुर रेफर किया था। यहां जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान सुबह 10 बजे उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि सीकर, भरतपुर और चुरू में एक-एक मौत हुई है। इसके बाद शनिवार को सरकार एक्शन में आई। राजस्थान सरकार ने केसंस फार्मा की सभी 19 प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी है। राज्य के ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया।
कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल
एमपी के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्या ने बताया था कि स्वास्थ्य विभाग ने कफ सिरप प्रोडक्शन रुकवाने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल को पत्र लिखा है। तमिलनाडु सरकार ने मप्र की ओर से पत्र मिलते ही 24 घंटे के भीतर कोल्ड्रिफ सिरप का सैंपल लेकर जांच कराई। इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल 48.6% मिला, जो एक विषैला पदार्थ है। यह सेहत के लिए हानिकारक है। इसके तुरंत बाद पूरे तमिलनाडु में इसके उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरों के बाद छह राज्यों में कफ सिरप और एंटीबायोटिक दवाएं बनाने वाली 19 कंपनियों के प्लांट में 3 अक्टूबर से निरीक्षण शुरू किया है। इसका उद्देश्य उन खामियों की पहचान करना है जिनके कारण दवा की क्वालिटी में कमी आई है।
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