खेतों में पराली जलाने के अभी तक 4 हजार के नजदीक मामले दर्ज, फिर भी नहीं सुधर रहे किसान

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : धान की कटाई के बाद पंजाब में खेतों में पराली को आग लगाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लगातार खेतों में जलाए जा रहे फसल अवशेषों से एक तरफ जहां भूमि को नुकसान हो रहा है वहीं हवा में प्रदूषण की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में पराली जलाने के मामले चार हजार के पास पहुंच चुके हैं वहीं प्रदेश सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी किसान मान नहीं रहे। संगरूर में अब तक सबसे ज्यादा 557 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि तरनतारन 537 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पंजाब में पराली के मामलों में लगातार वृद्धि के कारण हवा में प्रदूषण बढ़ रहा है। बच्चों, बुजुर्गों व मरीजों के लिए यह प्रदूषण काफी परेशान करने वाला है।

पंजाब में मंडी गोबिंदगढ़ सबसे ज्यादा प्रदूषित

मंडी गोबिंदगढ़ की हवा बेहद खराब रही। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 431 दर्ज किया गया जो अति गंभीर श्रेणी में आता है। इसके अलावा बठिंडा का 323 और जालंधर का अधिकतम एक्यूआई 301 दर्ज किया गया। इसके अलावा बाकी शहरों की हवा भी खराब रही। लुधियाना का 155, पटियाला का 137, खन्ना का 122 और अमृतसर का एक्यूआई 193 दर्ज किया गया है। एक्यूआई का यह स्तर स्वस्थ लोगों की सेहत पर भी प्रभाव डालता है जबकि बुजुर्ग, बच्चों और सांस, हृदय या फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है।

इन जिलों में सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही

संगरूर, तरनतारन और फिरोजपुर के बाद अमृतसर से पराली जलाने के सबसे अधिक 279 मामले, बठिंडा से 228, पटियाला से 189, कपूरथला से 111, मानसा से 152, मुक्तसर से 146, मोगा से 165, लुधियाना से 113, बरनाला से 70, मालेरकोटला से 62, जालंधर से 54, फाजिल्का से 69, फरीदकोट से 75, फतेहगढ़ साहिब से 34, एसएएस नगर से 27, होशियारपुर से 15 मामले सामने आए। वीरवार को लगातार दूसरे दिन सबसे अधिक पराली मोगा में जली।

इधर खेतों में पहुंचे अधिकारी पर हमला

बोपाराय कलां के किसान ने स्टबल बर्निंग क्लस्टर अफसर और पब्बीयां सर्कल के खेतीबाड़ी विस्तार अफसर अमनदीप सिंह पर हमला करके उनके मुंह पर गर्म चाय फेंक दी। तैश में आए किसान ने अमनदीप की पगड़ी उछाल दी और उनके साथ मारपीट भी की। लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा निवासी अमनदीप सिंह जगरांव ब्लॉक के खेतीबाड़ी एवं किसान भलाई विभाग में अफसर हैं और स्टबल बर्निंग के खिलाफ विशेष ड्यूटी पर तैनात हैं। आरोपी किसान की पहचान अमरजीत सिंह पुत्र बचित्तर सिंह के तौर पर हुई है।

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