Sleeping Direction (आज समाज) : वास्तु शास्त्र में, सोने की दिशा का व्यक्ति के स्वास्थ्य, मानसिक शांति और ऊर्जा स्तर पर सीधा प्रभाव माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति गलत दिशा में सोता है, तो उसे नींद में खलल, थकान और नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है। 2025 के लिए वास्तु विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोने की दिशा और करवट, दोनों का सही चुनाव जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

बाएँ करवट सोने के लाभ

आयुर्वेद और वास्तु दोनों में बाएँ करवट सोना लाभदायक माना जाता है। बाएँ करवट सोने से पाचन क्रिया बेहतर होती है, हृदय पर दबाव कम होता है और गहरी नींद आती है। यह स्थिति गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रहता है और भ्रूण को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है।

दाएँ करवट सोने के लाभ

कुछ स्थितियों में दाएँ करवट सोना भी फायदेमंद हो सकता है। खासकर जिन लोगों को हृदय संबंधी समस्या नहीं है और जिन्हें गैस्ट्रिक की समस्या है, उनके लिए यह करवट राहत प्रदान कर सकती है। यह करवट शरीर को आराम देने और तनाव कम करने में मदद करती है।

सिर की दिशा का वास्तु संबंध

वास्तु के अनुसार, सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में रखना सर्वोत्तम होता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, मानसिक संतुलन अच्छा रहता है और नींद में बाधा नहीं आती। उत्तर दिशा में सिर करके सोना वास्तु में वर्जित माना गया है क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

2025 के लिए विशेषज्ञों के सुझाव

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए सोने की दिशा और करवट दोनों का ध्यान रखना ज़रूरी है। अगर आप रोज़मर्रा की थकान से परेशान हैं या पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो सोने की आदतों में यह छोटा सा बदलाव आपके जीवन पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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