- तलवाडा झील के श्री देव मंदिर में चल रही पांच दिवसीय श्री श्याम कथा सम्पन्न
(Sirsa News) ऐलनाबाद। राजस्थान के सीमावर्ती गांव तलवाडा झील के श्री देव मंदिर प्रांगण में चल रही पांच दिवसीय संगीतमय श्री श्याम कथा आज पांचवे दिन सम्पन्न हो गई। कथाव्यास पंडित अमित तिवाडी ने आज अपने पवित्र मुखारविंद से प्रभु श्री श्याम की पावन कथा का गुणगान करते हुए बताया कि बर्बरीक ने अपनी माता से महाभारत के युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताई।
तब उनकी माता ने अपने पुत्र को यह कहते हुए युद्ध में जाने की अनुमति दी कि वह युद्ध भूमि में हारे का सहारा बनेगा। तब बर्बरीक ने अपनी माता को वचन दिया था कि वह हारे हुए का ही साथ देंगे। बर्बरीक के युद्ध भूमि की ओर आने की खबर सुनकर भगवान श्रीकृष्ण एक ब्राह्मण भेष धारण करके बर्बरीक के पास गए। उन्होंने बर्बरीक से पूछा कि तुम केवल तीन बाण लेकर युद्ध में शामिल होने आए हो? बर्बरीक ने जवाब दिया कि मेरा एक ही बाण शत्रु सेना को परास्त करने के लिए काफी है। शत्रुओं का संहार करने के बाद मेरा बाण वापस तूणीर में आ जाएगा।
तब भगवान श्री कृष्ण ने एक पीपल के पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि तुम अपने बाण से इस वृक्ष के सभी पत्तों को भेदकर दिखाओ। बर्बरीक ने एक बाण निकाला और पलभर में ही पेड़ के सभी पत्तों को भेद दिया। लेकिन इस दौरान भगवान ने एक पत्ता अपने पैर के नीचे छुपा लिया था, इसलिए बाण उनके पैर के इर्द-गिर्द चक्कर लगाने लगा। तब बर्बरीक ने कहा कि आप अपने पैर को हटा लीजिए।
श्री कृष्ण ने बर्बरीक से पूछा कि तुम इस युद्ध में किसका साथ दोगे?
बर्बरीक ने कहा कि मैं हारे का सहारा बनूंगा। उस समय युद्ध भूमि में स्थिति बिल्कुल उलट थी। कौरवों की सेना पर पांडव भारी पड़ रहे थे। तब भगवान श्रीकृष्ण को लगा कि कौरवों को हारते हुए देखकर बर्बरीक कहीं उनका साथ न दे दे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने दक्षिणा के रूप में बर्बरीक से उनके शीश का दान मांगा, ताकि वह युद्ध में भाग न ले सके। बर्बरीक ने बिना किसी संकोच के अपना सिर श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित कर दिया।
बर्बरीक के दान से प्रसन्न होकर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें आशीष दिया कि कलियुग में उन्हें पूजनीय स्थान और प्रसिद्धि मिलेगी। तुम्हें मेरे नाम से पूजा जाएगा। इसलिए आज बर्बरीक श्री श्याम बाबा के रूप में जाने एवं पूजे जाते हैं। श्रीश्याम बाबा को हारे का सहारा, तीन बाणधारी और शीश का दानी भी कहा जाता है।
मधुर भजनो से श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया
इस कथा को सुनने गांव के सैंकड़ो महिला पुरुष श्रद्धालु पहुंचे। कथा के दौरान प्रसिद्ध भजन गायक सिकन्दर सागर व रामनिवास रसिया ने भी अपनी मधुर वाणी में एक से बढ़कर एक मधुर भजनो से श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। कथा के दौरान राजेंद्र वर्मा एंड पार्टी ने मधुर धुनों से सुर सरिता बहाई जिसमें श्रद्धालुओं ने डुबकियां लगाई। कथा के समापन पर सभी श्रद्धालुओं ने श्री श्याम बाबा की सामूहिक आरती की। सभी श्रद्धालुओं को बाबा का प्रसाद बांटकर पांच दिवसीय कथा को विराम दिया गया।
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