(Sirsa News) ऐलनाबाद। राजस्थान के सीमावर्ती गांव तलवाडा झील के श्री देव मंदिर प्रांगण में चल रही पांच दिवसीय संगीतमय श्री श्याम कथा आज तीसरे दिन भी जारी रही। जहां कथाव्यास पंडित अमित तिवाडी ने अपने पवित्र मुखारविंद से प्रभु श्री श्याम की पावन कथा का गुणगान कर रहे है। इस कथा को सुनने गांव के सैंकड़ो महिला पुरुष श्रद्धालु पहुंच रहे है। कथा के दौरान प्रसिद्ध भजन गायक सिकन्दर सागर व रामनिवास रसिया ने भी अपनी मधुर वाणी से भजनामृत की वर्षा की।

श्रद्धालु भजनों की धुन पर मस्ती में नाचे और बाबा को जन्मदिन की बधाइयां दी

उन्होंने एक से बढ़कर एक मधुर भजन गाकर श्रद्धालुओं को भजन अमृत की गंगा में डुबकियां लगवाई। राजेंद्र वर्मा एंड पार्टी ने कथा के दौरान मधुर स्वर लहरिया बिखेरकर समां बांधा और श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। आज की कथा के दौरान केक काटकर श्री श्याम बाबा का जन्मदिन मनाया गया।

श्रद्धालु भजनों की धुन पर मस्ती में नाचे और बाबा को जन्मदिन की बधाइयां दी। इस अवसर पर कथाव्यास पंडित अमित तिवाडी ने कहा कि माता मौरवी की कोख से बालसूर्य के समान कांतिमयी स्वरूप के तेजस्वी बालक का जन्म हुआ। जिसके बर्बराकार बाल होने के कारण नाम पड़ा बर्बरीक। उसके बाद घटोत्कच्छ उसे भगवान श्रीकृष्ण के पास ले गये। उन्होंने उसे मोरवे नाम दिया।

आज की कथा में कथाव्यास ने श्री श्याम बाबा के सच्चे प्रेमी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि झूठे श्याम प्रेमी मत बनो। जहां श्याम बाबा की कथा हो, कीर्तन हो वहां मन में बिना किसी खोट खपट के जाओ। लोग जहां नामी कलाकार हो या नामी कथावाचक हो उसे देखने जाते है। पर सच्चे श्याम प्रेमी सिर्फ बाबा के लिए जाते है। जो किसी दु:खी को देख के दु:खी हो वो ही सच्चा श्याम प्रेमी है।

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