Silent threat (आज समाज) Health News : डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसका जोखिम लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत धीरे-धीरे ‘डायबिटीज कैपिटल’ बनाता जा रहा है, यहां सभी उम्र के लोगों में इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। डायबिटीज का आप जब भी जिक्र सुनते होंगे तो इंसुलिन रेजिस्टेंस का नाम जरूर आता होगा। क्या आप जानते हैं कि इंसुलिन रेजिस्टेंस होता क्या है और इसका शरीर पर क्या असर होता है?

इंसुलिन रेजिस्टेंस चुपचाप बढ़ता है। शुरू में इससे न कोई दर्द होता है, न बड़ा लक्षण दिखता है हालांकि दीर्घकालिक रूप में ये शरीर को कई प्रकार से प्रभावित करने वाली समस्या हो सकती है और इसके कई गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

इंसुलिन हमारे शरीर में कई कार्यों के लिए जरूरी एक अति आवश्यक हार्मोन है। यह हार्मोन हमारी कोशिकाओं में शुगर को अंदर जाने देता है, ताकि वह ऊर्जा बन सके। लेकिन जब इंसुलिन हार्मोन्स का असर कम हो जाता है या इसका प्रभाव नहीं होता है तो इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस कहा जाता है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस को सही समय पर पहचान लिया जाए, तो लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करके इसे रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कि इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं और इससे बचे रहने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं

जीवनशैली और खानपान की आदतों में बदलाव लाकर इसे रोका जा सकता है। स्वस्थ आहार अपनाना, नियमित शारीरिक गतिविधि करना, वजन को कंट्रोल रखना और तनाव-नींद को नियंत्रित करना आपके लिए जरूरी है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस से बचाव और प्रबंधन
  • इस समस्या से बचे रहने के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थों पर ध्यान दे। आहार में फलों-सब्जियों, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज को शामिल करें। इसके अलावा प्रोसेस्ड चीजों से बचाव करें।
  • जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को ये समस्या रही है उन्हें पहले से ही सावधानी बरतनी चाहिए।
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस की गंभीर स्थिति में रोगियों को नियमित रूप से इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की आवश्यकता हो सकती है।