मंगलवार देर रात हुई वोटिंग में फंडिंग बिल को नहीं मिल पाई मंजूरी
America Shutdown (आज समाज), वॉशिंगट : अमेरिका में एक बार फिर से शटडाउन हो गया है। ज्ञात रहे कि यह अमेरिका के इतिहास का कुल 22वां जबकि सात साल के अंतराल में दूसरा शटडाउन है। इससे पहले 2018 में शटडाउन किया गया था। अब देखना यह होगा की अमेरिका का यह शटडाउन कितना लंबा चलता है क्योंकि जो पिछला शटडाउन था वह 22 दिसंबर 2018 से लेकर 25 जनवरी, 2019 तक 35 दिन चला था। यह अमेरिका में चार दशक में सबसे बड़ा शटडाउन था। इससे अमेरिका की इकॉनमी को 3 अरब डॉलर की चपत लगी थी।
आखिर क्यों होता है शटडाउन
दरअसल विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में सरकार को अपने खर्च चलाने के लिए फंड की जरूरत होती है। यह फंड कर्ज लेकर पूरा किया जाता है। इसके लिए एक बिल अमेरिकी संसद हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव में लाया जाता है। लेकिन इस बार फंडिंग बिल को संसद की मंजूरी नहीं मिली जिससे देश में शटडाउन हो गया।
इसलिए लग गया शटडाउन
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सीनेट से फंडिंग बिल को पास नहीं करा पाए। मंगलवार देर रात बिल पर वोटिंग हुई। बिल के समर्थन में 55 और विरोध में 45 वोट पड़े। इसे पास कराने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी। ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को विपक्षी डेमोक्रेट्स सांसदों का समर्थन जरूरी था। लेकिन डेमोक्रेट्स ने बिल के खिलाफ वोट किया। 100 सदस्यों वाली सीनेट में 53 रिपब्लिकन, 47 डेमोक्रेट और 2 निर्दलीय सांसद हैं।
ट्रंप ने डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया
ट्रम्प ने इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। वे पहले ही सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी दे चुके है। 9 लाख कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेजने का खतरा बढ़ गया है। ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के एक सांसद ने फंडिंग बिल के खिलाफ वोट किया है। वहीं दो डेमोक्रेट सांसदों ने बिल के समर्थन में वोट किया। रिपब्लिकन पार्टी के फंडिंग बिल से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी ने हेल्थ केयर के प्रावधानों वाला अपना फंडिंग बिल पेश किया था। हालांकि, यह बिल भी पास नहीं हो पाया था। बिल के समर्थन में 47 और विरोध में 53 वोट पड़े थे। सभी डेमोक्रेट्स ने इसके पक्ष में और सभी रिपब्लिकन ने इसके खिलाफ मतदान किया।
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