• सुबह से ही मंदिरों में लगी शिवभक्तों की लाइनें
  • जयंती देवी मंदिर में लगा मेला, श्रद्धालुओं ने की खरीददारी

आज समाज नेटवर्क, जींद:

Shivratri Fair in Jayanti Devi Temple: जिलेभर में बुधवार को शिवरात्रि का पर्व श्रद्धा से मनाया गया। अल सुबह ही शहर के मंदिरों व शिवालयों में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए और देखते ही देखते लंबी लाइनें लग गई। बारिश के बीच श्रद्धालु मंदिर में भोले बाबा के पूरा दिन जयकारे लगाते रहे तो कुछ शिवभक्तों ने गौमुख तथा हरिद्वार से कावड़ ला कर पवित्र गंगा जल से शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक कर सुखद जीवन की कामना की।

रूद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन

जयंती देवी मंदिर रूद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। श्रद्धालुओं ने ओम नम: शिवाय व महामृत्युंज्य मंत्र के द्वारा पंचामृत, बेलपत्र, आक, धतूरा, फल व मिष्ठान से पूजन किया। शिवरात्री पर्व पर जयंती देवी मंदिर, ऐतिहासिक भूतेश्वर मंदिर, ठिठारी महादेव, सोमनाथ मंदिर, हनुमान मंदिर, शिव चांैक, सफीदों गेट में सुबह से ही शिवभक्तों की लाइनें लगनी शुरू हो गई थी। शहर में जगह-जगह भंडारों का भी आयोजन किया गया। जिसमें शिव भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

इस दिन कि मान्यता

इस दिन कि मान्यता यह है कि भगवन शिव सरल उपासना से ही प्रसन्न हो जाते हैं और हर असंभव को भी संभव बना देने की शक्ति पा लेते हैं। इस दिन पूजन करने से हम अपने कष्टों को दूर करके व सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं। शिव की कृपा से हमारी सारी समस्याओं का अंत हो जाता है और अलग-अलग सामग्री के द्वारा हमारी मनोकामनाए पूर्ण हो जाती है। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि इस बार शिवरात्रि पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि, गजकेसरी, नवपंचम जैसे कई राजयोगों का निर्माण हुआ है। शिवरात्रि के दिन शिव स्तुति, शिव मंत्र, शिव सहस्रनाम, शिव चालीसा, शिव तांडव, रुद्राष्टक, शिव पुराण और शिव आरती गाना अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं।

भगवान शिव का प्रमुख पर्व Shivratri Fair in Jayanti Devi Temple

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने कहा कि महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। महाशिव व्रत कल्याणकारी मनोरथों को पूर्ण करने वाले, अरोग्य देने वाले व मोक्ष का दाता हैं।

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