शनिदेव को माना जाता है न्याय का देवता
Shanivaar Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर शनि की वक्र दृष्टि पड़ जाए तो उसे कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है। हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसे जीवन में कभी भी शनिदेव की कूदृष्टि का सामना न करना पड़े, क्योंकि ऐसा होने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आप इस सभी समस्याओं से दूर रहें, तो भूलकर भी जीवन में ये कार्य न करें।

इन लोगों को झेलनी पड़ती है वक्र दृष्टि

झूठी गवाही देना और निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे बुराई करने वाले लोगों को शनि की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अपने गुरुजनों का अपमान करता है, तो उसे भी शनिदेव की नाराजगी झेलनी पड़ती है।

न करें ये काम

जो लोग ईश्वर में आस्था नहीं रखते या फिर पशु-पक्षियों को सताते हैं, उन्हें भी शनि की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। इससे इनके जीवन की कठिनाइयां बढ़ जाती हैं। साथ ही वह लोग भी शनिदेव की वक्र दृष्टि से नहीं बच पाते, जो गरीबों, महिलाओं और असहाय लोगों का हक छीनते हैं।

रखें इन बातों का ध्यान

जो लोग आसपास या व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं या फिर चीजों को अस्त-व्यस्त रखते हैं, उन लोगों को भी शनि की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है और जीवन में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

इन लोगों को भी मिलते हैं कष्ट

इसी के साथ जो लोग मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन मांस-मदिरा का सेवन करते हैं, उन्हें भी शनिदेव की क्रूर दृष्टि का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही व्यक्ति को पूर्णिमा, एकादशी, अमावस्या और प्रदोष व्रत के दिन भी मांस-मदिरा से दूरी बनानी चाहिए, वरना इससे भी आपको शनिदेव की वक्र दृष्टि झेलनी पड़ सकती है।

ध्यान रखें ये बातें

अगर आप चाहते हैं कि आपको शनि देव की क्रूर दृष्टि का सामना न करना पड़े और आपके ऊपर शनिदेव की कृपा बने रहे, तो इसके लिए इस सभी कार्यों से दूरी बनाए रखें और अच्छे कर्म करें। क्योंकि अच्छे कर्म करने वाले लोगों को शनिदेव कभी कष्ट नहीं पहुंचाते।