S Jaishankar on Indo-Pak Ceasefire, (आज समाज), नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी गत अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बने गतिरोध को शांत करवाने का दावा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आईना दिखाया है। यूएस प्रेसिडेंट कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने मध्यस्थता कर भारत-पाक के बीच सीजफायर करवाया है। जयशंकर ने उनके इन दावों का खंडन किया है।
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हमेशा स्पष्ट रहा है भारत का रुख, आगे भी रहेगा
विदेश मंत्री ने दो टूक कहा है कि भारत ने विशेषतौर पर पाकिस्तान के मामले में 1970 से अब तक कभी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और आगे स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, इस मामले में भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है और आगे भी हमारा रवैया यही रहेगा। विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का भी जिक्र किया।
हमेशा रही है राष्ट्रीय सहमति
जयशंकर ने कहा, भारत में इस बात पर हमेशा राष्ट्रीय सहमति रही है कि हम पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों में किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं। अगर बात किसान हित की अथवा व्यापार की हो या हमारी रणनीतिक स्वायत्तता का मामला हो और मध्यस्थता के विरोध की बात हो तो सरकार एकदम स्पष्ट है।
रणनीतिक स्वायत्तता के लिए हमें जो करना पड़े, करेंगे
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, यदि कोई हमारे रुख से सहमत नहीं है, तो वह देश की जनता को बताए कि वे किसान हित की रक्षा के लिए तैयार नहीं हैं। अगर कोई हमारे रवैये से असहमत है तो क्या वे रणनीतिक स्वायत्तता को अहमियत नहीं देते हैं। हम तो इसे महत्व देते हैं। जयशंकर ने कहा, रणनीतिक स्वायत्तता बरकरार रखने के लिए हमें जो कुछ भी करना पड़े, हम जरूर करेंगे।
हमने ट्रंप की तरह अब तक कोई राष्ट्रपति नहीं देखा
जयशंकर ने कहा, हमने अब तक ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं देखा, जिसने विदेश नीति को डोनाल्ड ट्रंप की तरह सार्वजनिक रूप से चलाया हो। यह परिवर्तन सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, यूएस प्रेसिडेंट का दुनिया से आचरण करने का ढंग, यहां तक कि अपने देश से भी व्यवहार का उनका तरीका, पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बहुत बड़ा चेंज है। विदेश मंत्री उदाहरण देते हुए कहा कि सिर्फ व्यापार के लिए इस तरह टैरिफ लगाना सामान्य है, पर गैर व्यापार मुद्दों पर टैरिफ लागू करना उचित नहीं है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर यह बोले जयशंकर
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर कहा, किसी ने यह नहीं कहा कि बातचीत बंद है, इस मामले में अमेरिका के साथ वार्ता अभी जारी है। उन्होंने कहा, मूल बात यह है कि हमारे सामने कुछ लाल रेखाएं हैं। विदेश मंत्री ने कहा, हम अपने देश के किसानों व कुछ हद तक अपने छोटे उत्पादकों के हित के लिए काम कर रहे हैं और उनके मुद्दों पर हम किसी सूरत में समझौता नहीं कर सकते। हम हमेशा उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और आगे भी रहेंगे। इस पर हम बहुत दृढ़ हैं।
किसानों व छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं
हमारी सरकार ऐसा कुछ नहीं करेगी, जिससे किसानों व छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता हो। इसके आलोचक क्या ऐसा समझौता करेंगे? विदेश मंत्री ने कहा, यह हास्यास्पद है कि जो लोग व्यापार समर्थक यूएस एडमिनिस्ट्रेशन के लिए काम करते हैं, वे दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। यदि किसी को भारत से रिफाइंड उत्पाद अथवा तेल खरीदने में प्राब्लम है, तो वे इसे न खरीदें। खरीदने के लिए कोई मजबूर नहीं करता।
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