पर्यावरण के लिए नुक्सानदायक है एसी का इस्तेमाल
AC Carbon Emission (आज समाज) नई दिल्ली: गर्मी आते ही घरों में एसी का इस्तेमाल शुरू हो जाता है। लेकिन एसी ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को बढ़ाने का भी काम कर रहा है। एसी में इस्तेमाल होने वाली गैसें पर्यावरण के लिए तो हाणिकारक होती ही हैं और तापमान को बढ़ाने का काम करती हैं। दुनियाभर में जितनी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है उनमें एसी का योगदान 4 प्रतिशत है। आइए जानते हैं आपको ठंडक देने वाला एसी पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचता है।

कार्बन उत्सर्जन

एसी चलाने से पर्यावरण में कार्बनडाइआॅक्साइड की मात्रा बढ़ रही है। एसी से सीधे CO2 तो नहीं निकलता, लेकिन इसे चलाने के लिए जिस बिजली का इस्तेमाल किया जाता है उसका जायादातर हिस्सा कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाकर प्राप्त किया जाता है। जीवाश्म ईंधन जलाने से कार्बन डाइआॅक्साइड का उत्सर्जन होता है, जो ग्रीनहाउस गैस है और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती है।

ओजोन परत को नुकसान

एयर कंडीशनिंग का उपयोग करने से उसमें से जहरीली गैसें निकलती हैं, जो पर्यावरण के लिए घातक होती हैं। इनमें हाइड्रोफ्लोरोकार्बन और क्लोरोफ्लोरोकार्बन जैसी गैसें शामिल हैं। ये गैसें ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे घरती का तापमान बढ़ता है। समस्या यह है कि हमारा पर्यावरण जितना गर्म होता है हम उतना ज्यादा एयर कंडीशनिंग का उपयोग करते हैं।

बाहरी तापमान में वृद्धि

एयर कंडिशनिंग सिस्टम कमरे को ठंडा तो करते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में वह भारी मात्रा में गर्मी को बाहर छोड़ते हैं। इससे पहले से ही झुलसाने वाली गर्मी में बाहर का तापमान और बढ़ने लगता है।

स्वास्थ्य को नुकसान

समय के साथ एयर कंडिशनिंग सिस्टम के अंदर जंग के कारण लीकेज की समस्या आने लगती है। एसी के अंदर भरी गैस हवा के साथ मिलकर कमरे के अंदर आने लगती है। बता दें कि एसी की गैस काफी जहरीली होती है और अगर शरीर के अंदर चली गई तो इससे मौत भी हो सकती है।

इतना होता है पॉल्यूशन

मौजूदा समय में घर में आने वाली बिजली का ज्यादातर हिस्सा कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाकर तैयार किया जाता है। एसी की बात करें तो यह काफी ज्यादा मात्रा में बिजली की खपत करता है। रिसर्च के मुताबिक, एक Air Conditioning यूनिट को एक घंटे तक चलाने पर 1 पाउंड (500 ग्राम) तक कार्बन उत्सर्जन होता है।