(Rewari News) रेवाड़ी। प्रजापत समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम पीपीपी स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ.सतीश खोला को घोड़ी-घोड़े के लिए सरकारी बीमा योजना लागू कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा कि वे रेवाड़ी जिले के प्रजापत समाज से संबंधित लोग परंपरागत रूप से शादियों व अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में घोड़ी रखने का कार्य करते हैं। यह न केवल आजीविका का साधन है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है। वर्तमान में एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

बीमा कंपनियाँ यह कहकर घोड़ी का बीमा नहीं करतीं कि घोड़ी कान में बाली नहीं पहनती, जो बीमा पहचान का एक पारंपरिक आधार माना जाता है। इसके कारण यदि घोड़ी की आकस्मिक मृत्यु हो जाए, तो मालिक को कोई क्षतिपूर्ति नहीं मिलती। आमतौर पर 6 से 8 महीने के भीतर पेट दर्द, इंफेक्शन या अन्य बीमारियों के कारण कई घोड़ी मर जाती हैं। इससे समाज के घोड़ी पालक परिवारों को भारी आर्थिक नुकसान होता है।

ज्ञापन में बताया गया कि एक अच्छी नस्ल की घोड़ी की कीमत 1.5 से 2 लाख तक होती है। समाज के अधिकतर सदस्य आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में घोड़ी की मृत्यु होने पर परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाता है। मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि इस समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। सरकार द्वारा एक विशेष योजना बनाकर घोड़ी और घोड़े का बीमा करवाया जाए। पहचान के अन्य तकनीकी व वैज्ञानिक साधन जैसे माइक्रोचिप या फोटो पहचान को अपनाकर बीमा की प्रक्रिया सरल और प्रभावी बनाई जा सकती है।
ज्ञापन देने वाले में सुरेंद्र प्रजापत, रूप सिंह, मनीष, सोनिया, रीना, ललिता, बिल्लू, शकुंतला, परवीन, मोतीलाल, शारदा, सतपाल सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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