• जागरूकता के साथ सामाजिक मुहिम में भागीदार बने आमजन

(Rewari News) रेवाड़ी। डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय कार्यक्रम महज सरकारी कार्यक्रम न होकर समाज में सकारात्मक सोच और व्यवहारिक बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है। जब तक बेटियों को समान अधिकार, शिक्षा और सुरक्षित माहौल नहीं मिलेगा, तब तक सामाजिक विकास अधूरा रहेगा। ऐसे में आमजन जागरूकता के साथ सामाजिक मुहिम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार तभी संभव है जब सभी विभाग मिलकर समन्वित रूप से कार्य करें और जागरूकता को जन आंदोलन में बदलें।

डीसी अभिषेक मीणा ने जिला में लिंगानुपात में सुधार हेतु योजनाओं को गंभीरता से लागू करने के निर्देश सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि आरसीएच पोर्टल पर पंजीकरण की निगरानी, जन-जागरूकता कार्यक्रमों की नियमितता और विभागीय तालमेल को मजबूत किया जाए ताकि हर स्तर पर अभियान के उद्देश्य पूरे हो सकें। डीसी ने स्पष्ट किया कि बिना आरसीएच आईडी के किसी भी अस्पताल या अल्ट्रासाउंड केंद्र द्वारा गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड किया जाना नियमों का उल्लंघन है और ऐसे संस्थानों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अवैध रूप से एमटीपी किट बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए : डीसी

उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की है कि वे केवल अधिकृत एवं पंजीकृत मामलों में ही जांच करें। डीसी ने यह भी निर्देश दिए कि अवैध रूप से एमटीपी किट बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने आमजन से अपील की कि यदि किसी मेडिकल स्टोर पर एमटीपी किट अवैध रूप से बेची जा रही हो, तो उसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन को दें, ताकि ऐसे मामलों पर समय रहते रोक लगाई जा सके।

डीसी ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही बेटियों का भविष्य उज्ज्वल और सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि 2024 के आंकड़ों के आधार पर चिन्हित किए गए कम लिंगानुपात वाले गांवों में विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं। पंचायत स्तर पर संवाद, समुदाय की भागीदारी, निगरानी तंत्र को मजबूत करना और बेटियों को लेकर सकारात्मक सोच विकसित करना इन अभियानों के प्रमुख उद्देश्य होने चाहिए।

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