- राह ग्रुप फाउंडेशन व शिक्षा विभाग के प्रदेश के सबसे बड़े जागरूकता अभियान के तहत ड्राइंग कॉम्पिटिशन, रैली व नुक्कड़ नाटकों से समझाएं गए पॉलीथिन के दुष्प्रभाव
(Rewari News) रेवाड़ी। स्कूली विद्यार्थियों को पॉलिथीन का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करने के कड़ी में राह ग्रुप फाउंडेशन व शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से पीतल नगरी रेवाड़ी के 62 स्कूलों के 27,124 विद्यार्थियों को पॉलिथीन त्यागने की शपथ दिलाई गई।फाउंडेशन के चेयरमैन नरेश सेलपाड़ व हरियाणा प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी जवाहर लाल दूहन ने बताया कि प्रदेश के सबसे बड़े इस जागरुकता अभियान के तहत ड्राइंग कॉम्पिटिशन, रैली व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से पॉलीथिन के दुष्प्रभावों के बारे में समझाया गया।
इस दौरान मुख्य कार्यक्रम एसडी स्कूल खोरी में हुआ। इसके अलावा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बीकानेर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुरावड़ा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धारूहेड़ा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोरियावास सहित जिले के अलग-अलग स्थानों पर विद्यार्थियों ने जागरूकता रैली निकालने के साथ-साथ, पेंटिंग/ड्राइंग व भाषण प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया।
पॉलिथीन मुक्त भारत अभियान के दौरान निकाली गई जागरुकता रैली लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही
पॉलिथीन मुक्त भारत अभियान के दौरान निकाली गई जागरुकता रैली लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही। विद्यार्थियों ने पॉलिथीन से नाता तोड़ों, जिन्दगी से नाता जोड़ों व पॉलिथीन को कदम-कदम से हटाएंगे, धरती को स्वर्ग बनाएंगे जैसे नारों लगा कर पॉलिथीन त्यागने का संदेश दिया। इस दौरान विद्यार्थियों ने अलग-अलग नारों की तख्तियों के साथ गांवों व कस्बे में पहुंचकर लोगों को जागरूक किया। इसके अलावा पेंटिंग/ड्राइंग व भाषण प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी विद्यार्थियों व आमजन को पॉलिथीन का उपयोग न करने के लिए प्रेरित किया गया।
विद्यार्थियों में पॉलिथीन त्यागने के लिए जागरुकता बढ़ाने के लिए तीन वर्गों में पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को पॉलिथीन त्यागने, पॉलीथिन का विकल्प सुझाने व पर्यावरण संरक्षण जैसे विषय दिए गए। फाउंडेशनचेयरमैन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि औसतन एक भारतीय प्रति वर्ष 9.7 किलोग्राम पॉलीथिन का उपयोग करता है। साथ ही विश्व में प्रति मिनट 20 लाख पॉलिथीन का उपयोग होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि प्रत्येक वर्ष फेंके गए प्लास्टिक से पृथ्वी के चार घेरे बनाएं जा सकते हैं। यह स्थिति उस समय और भी गंभीर हो जाती है कि जब किसी प्लास्टिक बैग को खत्म होने में करीब 1000 वर्ष लगते हो।
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