- विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल और डेटोनेटर का यूज
- मस्जिद के पास 3 घंटे खड़ी रही कार, अंदर रहा डॉ. उमर
Delhi Car Blast Today Updates, (आज समाज), नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के नजदीक सोमवार को हुए विस्फोट को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। धमाके की जांच अब कार पर केंद्रित हो गई है। जिस हुंडई आई-20 कार में धमाका हुआ, उसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें कार सवार भी दिख रहे हैं। शक है कि सीसीटीवी में दिख रहा व्यक्ति ही डॉक्टर उमर मोहम्मद उमर (ar Mohammad Omar) है, जो फिलहाल कार का मालिक था। वह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। वारदात से पहले कार एक मस्जिद के पास पार्किंग में करीब 3 घंटे तक खड़ी रही।
साल में सात बार बेची जा चुकी है कार
शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, कार के अंदर तीन लोग बैठे थे। कार फरीदाबाद के सेक्टर 37 में रॉयल कार जोन के कार डीलर सोनू से चार दिन पहले ही खरीदी गई थी। सोनू ने ओएलएक्स पर कार सेल की विज्ञापन पोस्ट किया था। इसके बाद कार बिकी। फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि सोनू को दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई है। यह भी सामने आया है कि धमाके वाली आई-20 कार गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ पर रजिस्टर्ड है और एक साल में यह सात बार बेची जा चुकी है।
कार के रूट और उससे जुड़े रहे लोगों की भी जांच
जांच एजेंसियां कार के रूट और उससे जुड़े रहे लोगों की भी जांच कर रही है। साथ ही विभिन्न इलाकों की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही हैं और पता लगाया जा रहा है कि कार कहां से चली थी और कहां जा रही थी। पुलिस ने दिल्ली से भी कुछ लोगों को उठाया है। पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल आॅयल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया होगा।
10 नवंबर दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में घुसी कार
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कार ने 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में प्रवेश किया। शाम 6:48 बजे पार्किंग से निकली। इसके महज चार मिनट बाद 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास स्थित सुभाष मार्ग लाल बत्ती पर कार में ब्लास्ट हुआ। धमाके की चपेट में आसपास खड़े कई और वाहन भी आ गए। विचलित करने वाले दृश्यों में जमीन पर शव और शरीर के कटे हुए अंग दिखाई दे रहे थे। धमाके के बाद दिल्ली समेत कई शहरों में अलर्ट जारी है और सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
पकड़े गए सभी आरोपी उच्च शिक्षित और डॉक्टर
दिल्ली धमाके और फरीदाबाद आतंकी नेटवर्क के भंडाफोड़ में एक अहम बात सामने आई है, वो ये है कि पकड़े गए सभी आरोपी उच्च शिक्षित और डॉक्टर हैं। पहले आम तौर पर देखा जाता था कि कम पढ़े-लिखे और बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर उन्हें कट्टरपंथी बनाया जाता था। अब फरीदाबाद नेटवर्क और दिल्ली धमाके के संदिग्ध पढ़े लिखे हैं और अच्छी नौकरी कर रहे हैं, जो कहीं न कहीं बेहद चौंकाने वाला है। बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर उसके ठिकानों से 2910 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था।
उमर के फरीदाबाद आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने का शक
डॉक्टर उमर के भी तार फरीदाबाद आतंकी नेटवर्क से भी जुड़ रहे हैं। आशंका है कि यह धमाका भी अमोनियम नाइट्रेट में हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब कार पार्किंग में खड़ी थी तब भी डॉ. उमर कार में सवार था और वह करीब तीन घंटे तक कार में ही बैठा रहा था। एक पल के लिए भी वह कार से बाहर नहीं निकला। पुलिस के अनुसार, डॉ. उमर का कनेक्शन कथित तौर पर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से था।
पहले सहारनपुर से दबोचा गया था डॉक्टर आदिल
जम्मू कश्मीर पुलिस ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर निवासी डॉक्टर आदिल को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। वह सहारनपुर के एक अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहा था। आदिल से पूछताछ में ही फरीदाबाद के डॉक्टर मुजम्मिल शकील के बारे में पता चला, जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक मिला। अब जांच एजेंसियों कहना है कि दिल्ली धमाके में भी अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल होने का शक है। पुलिस को शक है कि फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा होने और अपने साथी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद, उमर ने कथित तौर पर पकड़े जाने के डर से यह आतंकी हमला किया।
चार किमी तक सुनी गई धमाके की आवाज
रिपोर्ट्स के अनुसार, धमाके में मारे गए लोगों के शवों और घायलों में किसी तरह के पैलेट या पंचर होने के निशान नहीं मिले हैं, जो आम तौर पर बम विस्फोट में मिलते हैं। साथ ही बम धमाके में मारे गए लोगों के शव काले पड़ जाते हैं, लेकिन इस केस में ऐसा कुछ नहीं हुआ। धमाका इतना तेज था कि चार किलोमीटर तक धमाके की आवाज सुनी गई। यही वजह है कि धमाके की प्रकृति को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
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