इस साल के पहले तीन महीने में बाजार से निकाला था पैसा, अपै्रल के बाद बढ़ा भरोसा लगातार कर रहे निवेश

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : विश्व में टैरिफ के साये और भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बावजूद पिछले करीब 50 दिन में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में दिल खोलकर निवेश किया है। जनवरी से लेकर मार्च तक जहां विदेशी निवेशकों ने बिकवाली करते हुए भारतीय बाजार से रुपए निकाले वहीं टैरिफ पर अस्थाई रोक की घोषणा के बाद एक दम से विदेशी निवेशकों की पसंद भारतीय बाजार बन गए।

जिसके बाद वे लगातार निवेश कर रहे हैं। एक तरफ जहां अप्रैल में 4,223 करोड़ रुपए की खरीदारी के साथ विदेशी निवेशक 2025 में पहली बार नेट बायर्स बने थे। वहीं मई में विदेशी निवेशकों (एफआईआई) ने अब तक 18,620 करोड़ रुपए का निवेश किया है। भारत पाकिस्तान तनाव के बावजूद एफआईआई भारतीय बाजार में लगातार खरीदारी कर रहे हैं। इससे पहले

जनवरी से मार्च तक 1.4 लाख करोड़ रुपए निकाले

साल के शुरूआती तीन महीनों में विदेशी निवेशकों ने 1.4 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली की थी। विदेशी निवेशकों ने पहले दो महीनों जनवरी और फरवरी में 78,027 और 34,574 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे थे। मार्च में 3,973 करोड़ रुपए की बिकवाली हुई थी। अप्रैल के दो कारोबारी हफ्तों में इन निवेशकों ने 25,897 करोड़ रुपए की खरीदारी का रिकॉर्ड बनाया था।

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त वृद्धि

वैश्विक उठापटक और टैरिफ के साये के बीच भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार मजबूत हो रहा है। इस बात का खुलासा आरबीआई द्वारा जारी की गई अपनी हालिया रिपोर्ट में किया गया है। आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी के अुनसार 9 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का फॉरेक्स रिजर्व 4.553 अरब डॉलर बढ़कर 690.617 अरब डॉलर हो गया है।

ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार के अहम घटक स्वर्ण भंडार में वृद्धि हुई है। आरबीआई ने शुकवार को इससे जुड़े आंकड़े जारी किए। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में, कुल भंडार 2.065 अरब डॉलर घटकर 686.064 अरब डॉलर रह गया था। सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था।

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