सभी प्रकार के दुखों से मिलेगा छुटकारा
Rudrashtakam Path, (आज समाज), नई दिल्ली: सोमवार का दिन हिंदू धर्म में बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सोमवार को पूजा के दौरान शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ जरूर करें। ऐसी मान्यता है कि इससे दुखों से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशहाली का आगमन होता है।
शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।।
निजं निगुर्णं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्।।1।।
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं।
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्।।
करालं महाकालकालं कृपालं।
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्।।2।।
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं।
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्।।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा।
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा।।3।।
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं।
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं।
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि।।4।।
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्।।5।।
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी।।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी।।6।।
न यावद् उमानाथपादारविन्दं।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं।।7।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां।
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्।।
जराजन्मदु:खौघ तातप्यमानं।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो।।8।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भु: प्रसीदति ।।9।।
रुद्राष्टकम पाठ के लाभ
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव रुद्राष्टकम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर होती हैं जैसे झ्र शत्रु, चिंता और मानसिक तनाव आदि। साथ ही, व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शिव रुद्राष्टकम का पाठ सोमवार को सुबह और शाम को इसका पाठ करना बहुत शुभ होता है।
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