RBI Updates : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 5 से 7 अगस्त के बीच होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा कर सकता है। SBI की एक रिपोर्ट में यह बड़ा अनुमान लगाया गया है। जिससे आपके लोन की EMI कम हो सकती है और बाज़ार में पैसों का प्रवाह बढ़ सकता है। आइए, जानते हैं कि इस कटौती से आपको और देश की अर्थव्यवस्था को क्या फ़ायदा हो सकता है।

SBI का अनुमान

SBI की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका सीधा फ़ायदा क्रेडिट ग्रोथ में देखने को मिलेगा। ख़ासकर त्योहारी सीज़न में, इससे अर्थव्यवस्था को ज़ोरदार बढ़ावा मिल सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिवाली से पहले रेपो रेट में कटौती से क्रेडिट ग्रोथ हमेशा बढ़ी है।

देखे 2017 का उदाहरण

रिपोर्ट के अनुसार, जब अगस्त 2017 में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की गई थी, तब दिवाली तक ₹1,956 अरब की अतिरिक्त ऋण वृद्धि हुई थी। इसमें से लगभग 30% व्यक्तिगत ऋण थे। ये आँकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि जब लोगों को सस्ती दरों पर ऋण मिलता है, तो वे अधिक खरीदारी करते हैं और बाज़ार में धन का संचार होता है, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।

जाने क्या है रेपो दर में कटौती के कारण

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रेपो दर में कटौती के मुख्य कारण ये हो सकते हैं:

  • मुद्रास्फीति नियंत्रण में

पिछले कई महीनों से, मुद्रास्फीति आरबीआई द्वारा निर्धारित लक्ष्य के भीतर रही है। ऐसे में, सख्त मौद्रिक नीति जारी रखने से अर्थव्यवस्था के उत्पादन को नुकसान पहुँच सकता है।

  • उत्पादन में कमी का जोखिम

यदि रेपो दर में कटौती में और देरी की जाती है, तो इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि धीमी हो सकती है। मौद्रिक नीति बनाने में समय लगता है, इसलिए सही समय पर निर्णय लेना महत्वपूर्ण है।

रेपो दर क्या है?

रेपो दर वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अन्य बैंकों को वाणिज्यिक ऋण देता है। रेपो दर में कमी से बैंकों को RBI से सस्ता पैसा मिलता है, जिससे वे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी कम कर देते हैं। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को होता है, क्योंकि उनकी EMI (समान मासिक किस्त) कम हो जाती है।

इस साल 100 आधार अंकों की कटौती

RBI ने इस साल अब तक रेपो दर में 100 आधार अंकों यानी एक प्रतिशत की कटौती की है। वर्तमान में रेपो दर 5.5 प्रतिशत पर है। अगर अगस्त में एक और कटौती होती है, तो यह रेपो दर में लगातार तीसरी कटौती होगी, जो बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।

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