RBI Update(आज समाज) : भारत में डिजिटल पेमेंट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ, ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेज़ी से बढ़े हैं। इसके जवाब में, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने UPI ट्रांजैक्शन में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस में मुख्य रूप से पाँच ज़रूरी टिप्स शामिल हैं, जिन्हें यूज़र्स अपने बैंक अकाउंट और डिजिटल पेमेंट को ज़्यादा सुरक्षित बनाने के लिए फॉलो कर सकते हैं।

QR कोड फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाला सबसे आम हथियार

जैसा कि RBI ने बताया है, फिशिंग लिंक और नकली QR कोड UPI फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले सबसे आम हथियार बन गए हैं। धोखेबाज़ अक्सर यूज़र्स को कैशबैक या रिफंड का वादा करके लिंक या QR कोड भेजते हैं। जब यूज़र्स इन लिंक पर क्लिक करते हैं या स्कैन करते हैं, तो उनकी बैंक डिटेल्स या मोबाइल नंबर चोरी हो जाते हैं। किसी अनजान सोर्स से भेजे गए लिंक या QR कोड को स्वीकार करते समय हमेशा सावधान रहें।

UPI PIN, OTP या पासवर्ड ना बताये

RBI ने साफ़ किया है कि कोई भी बैंक या सही संस्था कभी भी किसी यूज़र से उसका UPI PIN, OTP या पासवर्ड नहीं पूछेगी। धोखेबाज़ अक्सर बैंक अधिकारी या पेमेंट ऐप एजेंट बनकर कॉल करते हैं और यह संवेदनशील जानकारी मांगते हैं। ऐसी स्थिति में, तुरंत ऑपरेशन बंद कर देना और बैंक को सूचित करना समझदारी होगी।

ऐप डाउनलोड करने से पहले उसे ज़रूर चेक करे

पेमेंट ऐप और वेबसाइट के ज़रिए फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं। RBI ने धोखेबाज़ों द्वारा फ्रॉड करने के लिए कॉपी किए गए ऐप के इस्तेमाल के बारे में गाइडलाइंस जारी की हैं। RBI ने सलाह दी है कि यूज़र्स को ऐप डाउनलोड करने से पहले उसे ज़रूर चेक करना चाहिए।

UPI ID करें चेक

पेमेंट करते समय, रिसीवर का नाम, मोबाइल नंबर या UPI ID ध्यान से चेक करना बहुत ज़रूरी है। पक्का करें कि आप किसे पैसे भेज रहे हैं। धोखेबाज़ अक्सर ब्रांड नामों या जाने-पहचाने नामों में छोटे-मोटे बदलाव करके नकली अकाउंट बनाते हैं, जिससे वे भरोसेमंद लगते हैं।

24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज करें

अगर आपके साथ UPI फ्रॉड होता है, तो समय बर्बाद न करें। RBI ने निर्देश दिया है कि बैंक यूज़र्स 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज करें। आप अपने बैंक की कस्टमर सर्विस से संपर्क कर सकते हैं या नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या ऑनलाइन पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। तेज़ी से कार्रवाई करने से नुकसान कम हो सकता है।

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