अनुकूल मानसून, कम मुद्रास्फीति और मौद्रिक नरमी के कारण नहीं किया कोई परिवर्तन : संजय मल्होत्रा

RBI Repo Rate (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अनुकूल मानसून, कम मुद्रास्फीति और मौद्रिक नरमी से आर्थिक वृद्धि की संभावना के चलते आरबीआई ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन न करते हुए इसे 5.5 प्रतिशत रखा है। एमपीसी की तीन दिन चली बैठक के बाद बुधवार को रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के गर्वनर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की जानकारी दी।

इस संबंधी विस्तार से जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से महंगाई पर मजबूत असर पड़ेगा। इसके साथ ही उपभोग और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने मौद्रिक नीति रुख को ‘तटस्थ’ पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।

विकास दर में आ सकती है कमी

अक्तूबर महीने की एमपीसी बैठक के फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरेलू आर्थिक गतिविधियां गतिमान बनी रहेंगी। हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि टैरिफ संबंधी घटनाक्रम से इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर में कमी आ सकती है। मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी और अन्य सुधार आर्थिक विकास पर बाहरी कारकों के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर देंगे। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मजबूत रेमिटेंस के कारण जारी वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा टिकाऊ रहने की उम्मीद है।

भारतीय शेयर बाजार और रुपए में गिरावट जारी

भारतीय कारोबारी जगह में पिछले कुछ दिन से कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है। एक तरफ जहां देश में त्योहारों को सीजन शुरू हो चुका है। वहीं न तो भारतीय शेयर बाजार में रौनक लौट रही है और न ही रुपया संभल पा रहा है।

मंगलवार को जहां वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और विदेशी पूंजी निकासी के चलते शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई वहीं अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे गिरकर 88.79 (अनंतिम) के सर्वकालिक निम्न स्तर पर आ गया। हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और कमजोर डॉलर के कारण स्थानीय मुद्रा में तीव्र गिरावट नहीं आई।

ये भी पढ़ें : America Shutdown : अमेरिका में एक बार फिर हुआ शटडाउन