Rajnath On Annual Defence Production, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का सालाना रक्षा उत्पादन 2024-25 में 1,50,590 करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने आज एक एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी है।

2019-20 में 79,071 करोड़ रुपए था आंकड़ा

राजनाथ ने बताया कि 1,50,590 करोड़ रुपए रक्षा उत्पादन पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले लगभग 18 फीसदी अधिक है। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपए के उत्पादन की तुलना में 18 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि को दर्शाती है व वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से 90 फीसदी की आश्चर्यजनक वृद्धि को दर्शाती है। 2019-20 में आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपए था।

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डीपीएसयू और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान

रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों का कुल उत्पादन में लगभग 77 फीसदी योगदान रहा, वहीं प्राइवेट सेक्टर का योगदान 23 प्रतिशत रहा। प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 21 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 23 प्रतिशत हो गई है। यह देश के रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में इस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।

उपलब्धि के लिए की इनकी प्रशंसा

राजनाथ ने इस उपलब्धि के लिए रक्षा उत्पादन विभाग व सभी हितधारकों – रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू), सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माताओं व निजी उद्योग के सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने इस बढ़ोतरी को देश के मजबूत होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेतक बताया।

बीते एक दशक में इन चीजों पर किया फोकस

रक्षा मंत्री ने कहा कि उद्योग के सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने बीते एक दशक में व्यापार में सुगमता में वृद्धि, दूरगामी नीतिगत सुधारों और स्वदेशीकरण पर रणनीतिक फोकस करने के कारण साल-दर-साल लगातार वृद्धि दर्ज की है।

क्षेत्र लगातार तेजी से विकास के लिए तैयार

राजनाथ ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक आयात पर निर्भरता घटनो व एक ऐसा रक्षा औद्योगिक परिसर बनाने पर जोर देने से, जो न सिर्फ भारत की आवश्यकताओं को पूरा करे बल्कि निर्यात की संभावनाओं को भी सुदृढ़ करे, सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। इसके अलावा बढ़ती निजी भागीदारी, निरंतर नीतिगत समर्थन तथा बढ़ती निर्यात क्षमताओं के साथ, देश का रक्षा उत्पादन क्षेत्र आने वाले वर्षों में लगातार तेजी से विकास के लिए तैयार है।

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