Rahul Gandhi Speech in Parliment | आज समाज नेटवर्क । नई दिल्ली । संसद शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव सुधारों पर बात करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि सरकार चुनाव आयोग के प्रमुख व अन्य चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए जिम्मेदार पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाने पर इतनी आमादा क्यों है। उन्होंने पूछा कि ‘सीजेआई को चयन समिति से क्यों हटाया गया? क्या हमें सीजेआई पर विश्वास नहीं है?’
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर वह चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाली समिति का हिस्सा हैं, लेकिन इसमें सरकार के सदस्यों की संख्या अधिक होने के चलते उनकी आवाज कमजोर पड़ जाती है। उन्होंने आगे पूछा कि प्रधानमंत्री मुख्य चुनाव आयुक्त चुनने में इतने उत्सुक क्यों हैं?’
चर्चा के दौरान राहुल गांधी 2023 के उस कानून का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत राष्ट्रपति को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की सिफारिश करने वाली तीन सदस्यीय चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया है, जबकि प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता इस समिति के अन्य दो सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीजेआई को सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया से हटाया गया। उन्होंने कहा कि यह सत्ता के साथ चुनाव आयोग का तालमेल है। यह डेटा का सवाल नहीं, चुनाव का सवाल है। मेरे पास इसके सबूत हैं। बीजेपी लोकतंत्र को डैमेज करने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है।’
खादी भारत के लोगों के एक्सप्रेशन का हिस्सा है : गांधी
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा, खादी भारत के लोगों के एक्सप्रेशन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि खादी हमारे ट्रेडिशन को दर्शाती है। लेकिन जब हम गहराई से देखते हैं तो पता चलता है कि एक कपड़े में हजारों थ्रेड हैं। सभी एक समान थ्रेड हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश भी फेबरिक है जो 1.4 बिलियन लोगों से मिलकर बना है। जो वोट से एक साथ हैं। अगर वोट नहीं होगा तो हमारा भी कोई वजूद नहीं है।
राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाया
राहुल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार चुनाव को कंट्रोल करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर होने के बाद वोटर लिस्ट में 1.22 लाख डुप्लीकेट फोटो छपी मिली है। हमने महाराष्ट्र और हरियाणा में वोट चोरी साबित की है। जिसे रोकने के लिए चुनाव सुधार जरूरी है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट एक महीना पहले राजनीतिक पार्टियों को दी जानी चाहिए। सीसीटीवी फुटेज डिस्ट्रॉय करने का नियम भी बदला जाना चाहिए।


