एक अगस्त से स्कूलों में साक्ष्य-आधारित नशा निवारण पाठ्यक्रम की होगी शुरुआत, आप राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री मान फाजिल्का से शुरू करेंगे मुहिम
Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : नशे के खिलाफ शुरू की गई लड़ाई में पंजाब सरकार एक अगस्त को एक नई और अनोखी मुहिम शुरू करने जा रही है। दरअसल अब सरकार ने यह फैसला किया है कि नशे से बच्चे के लिए किशोरों को जागरूक किया जाए। इसके तहत कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को साक्ष्य-आधारित नशा निवारण पाठ्यक्रम की पढ़ाई करवाई जाएगी। यह शुरुआत एक अगस्त को फाजिल्का के एक स्कूल से की जाएगी। मुहिम की शुरुआत आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत सिंह मान करेंगे। यह जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दी।
अहम मोड़ पर पहुंची नशे विरुद्ध जंग
बैंस ने बताया कि पंजाब की नशे के खिलाफ जंग एक अहम मोड़ पर पहुंच गई है क्योंकि राज्य सरकार युद्ध नशों विरुद्ध मुहिम के तीसरे चरण के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए एक अनूठा नशा निवारण पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है। बैंस ने बताया कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान 1 अगस्त को फाजिल्का जिले के अरनीवाला में इस राज्यव्यापी नशा निवारण पाठ्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
प्रदेश के आठ लाख छात्रों को पढ़ाया जाएगा पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह अनूठा कार्यक्रम नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अभिजीत बनर्जी के नेतृत्व वाले संगठन जे-पॉल साउथ एशिया के सहयोग से तैयार किया गया है। प्रमुख व्यवहार वैज्ञानिकों की मदद से डिजाइन किया गया यह पाठ्यक्रम कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लगभग 8 लाख विद्यार्थियों को नशे से बचाव की जानकारी और इससे बचने के कौशल से सशक्त बनाएगा।
यह पाठ्यक्रम 35 मिनट के सत्रों पर आधारित होगा, जो हर पखवाड़े (15 दिन) में एक बार 27 सप्ताह तक आयोजित किए जाएंगे। इसमें डाक्यूमेंट्री, क्विज, पोस्टर और इंटरैक्टिव गतिविधियों जैसे रोचक माध्यमों के जरिए मिथकों को तोड़ना, मना करने की रणनीतियों और समूह दबाव से बचाव जैसे विषयों पर फोकस किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम बन सकें।
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