नेता प्रतिपक्ष ने बाढ़ग्रस्त एरिया का किया दौरा, लोगों से जाना उनका हाल
Punjab Breaking News (आज समाज), अमृतसर : पंजाब में बाढ़ग्रस्त एरिया का दौरा करने के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वहां लोगों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। इस दौरान राहुल गांधी ने लोगों से उनके नुकसान के बारे में भी बात की। ज्ञात रहे कि राहुल गांधी सोमवार को पंजाब दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने अमृतसर और गुरदासपुर के प्रभावित गांवों में जाकर हालात का जायजा लिया और किसानों से बातचीत की।
ट्रैक्टर पर बैठकर उन्होंने खेतों में बर्बाद फसल का जायजा लिया और लोगों के टूटे घरों को देखा जिनमें कई-कई फीट रेत भरा हुआ था। राहुल गांधी ने लोगों का दुख साझा किया और उन्हें आश्वासन व वादा किया कि वो लोकसभा में पंजाब की तबाही का मुद्दा उठाएंगे और केंद्र सरकार से हरसंभव मदद दिलवाएंगे। उन्होंने राज्य सरकार से भी अपील की कि वह जल्द से जल्द लोगों को मुआवजा दे जिसकी उन्हें फिलहाल सबसे ज्यादा जरूरत है।
राहुल गांधी ने की सरबत के भले की अरदास
राहुल गांधी ने इस दौरान गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा साहिब में जाकर माथा भी टेका और अरदास की। उनके साथ नेता विपक्ष प्रताप सिंह बावजा, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पंजाब प्रभावी भूपेश बघेल व अन्य नेता भी मौजूद थे। अमृतसर के बाद राहुल गुरदासपुर के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने भारत-पाक सीमा पर स्थित गांव धर्मकोट पत्तन का दौरा कर रावी दरिया से प्रभावित किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी।
रावी दरिया ने मचाई सबसे ज्यादा तबाही
गांव घनिया के बेट के पूर्व सरपंच सरबजीत सिंह घनिया ने राहुल को बताया कि रावी दरिया और पाकिस्तान क्षेत्र में बहने वाले बसंतर नाले की मार से लोग लगातार पीड़ित रहते हैं। कभी दरिया का पानी, कभी युद्ध और कभी आतंकी वारदातें। सरबजीत सिंह ने कहा कि बाढ़ के चलते उनकी फसलें तो नष्ट हुईं ही, साथ-साथ कई पशु भी मर गए। किसानों ने राहुल को अपनी बर्बादी के वीडियो दिखाए तो राहुल भी भावुक हो गए। उन्होंने सुखजिंदर सिंह रंधावा से इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करवाने को कहा ताकि किसानों की आवाज संसद तक पहुंचाई जा सके। घनिया बेट पूर्व सरपंच गुरमुख सिंह ने बताया कि गांव की 700 एकड़ की जमीन में से केवल 20-25 एकड़ ही बची है। बाकी पर रेत बिछ गई है जिससे फसल बीजना नामुमकिन हो गया है।
रेत उठाने का समय बढ़ाने की मांग
किसानों ने सरकार से मांग की है कि खेतों से रेत उठाने के लिए जो समय सीमा तय की है, वह नाकाफी है। खेतों का पानी अभी सूखने का नाम नहीं ले रहा, इसलिए रेत उठाने का समय बढ़ाया जाए ताकि किसान अपने खेतों को दोबारा खेती योग्य बना सकें। उन्होंने किसानों द्वारा औजारों व खेती-किसानी के लिए उठाए गए कर्ज़ को भी माफ करने की मांग की।
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