पंजाब सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने जोरदार तरीके से की पंजाब की पैरवी, कहा, पानी की उपलब्धता के लिए कोई वैज्ञानिक गणना नहीं

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सीएम ने एक बार फिर से प्रदेश के पानी पर किसी अन्य राज्य के दावे को नकारते हुए कहा कि वर्तमान समय में पंजाब के पास किसी को देने के लिए अतिरिक्त पानी बिल्कुल नहीं है। यह दोहराते हुए कि प्रदेश के पास एसवाईएल के माध्यम से देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है, मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की उपलब्धता के बारे में कोई वैज्ञानिक गणना नहीं है और न ही यह 1976, 1981 में थी जब भारत सरकार ने एकतरफा तरीके से राज्यों में बांटे जाने वाले पानी के अनुपात का फैसला किया था।

उन्होंने कहा कि पंजाब 1981 से ही 17.17 एमएएफ पानी की उपलब्धता पर विवाद कर रहा है, खासकर जब सभी अंतरराष्ट्रीय जल समझौतों में उल्लेख है कि पानी की उपलब्धता का हर 25 साल बाद पुनर्मूल्यांकन करना आवश्यक है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 1981 में पानी की उपलब्धता को 1921-1960 की प्रवाह श्रृंखला के आधार पर लिया गया था यानी पहले से ही 20 साल से अधिक पुराना डेटा था।

चेनाब और रावी को आपस में जोड़ा जाए

पानी संबंधी मुद्दे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि रद्द होने के परिप्रेक्ष्य में संबंधित राज्यों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी को देखते हुए यह पानी संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए एक शानदार अवसर है। उन्होंने कहा कि चेनाब नदी को रावी और ब्यास नदियों से जोड़ने की संभावना है, जिसके लिए हमारे पास पहले से ही पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले बांध मौजूद हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि चेनाब को रावी और ब्यास से जोड़ने पर अतिरिक्त पानी के प्रवाह को निचले राज्यों द्वारा बिजली उत्पादन और सिंचाई दोनों उद्देश्यों के लिए लाभकारी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है।

बीबीएमबी में राजस्थान का स्थाई सदस्य नियुक्त करना गलत

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान से बी.बी.एम.बी. में सदस्य नियुक्ति के बारे में पंजाब का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी में राजस्थान से स्थायी सदस्य नियुक्ति के प्रस्ताव पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत गठित संस्था है, जो केवल उत्तराधिकारी राज्यों पंजाब और हरियाणा से संबंधित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने पहले ही सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक पैनल प्रस्तुत कर दिया है और भारत सरकार को पंजाब और हरियाणा से एक-एक सदस्य की मूल व्यवस्था को जारी रखना चाहिए।

ये भी पढ़ें : Punjab News Update : महिलाओं के लिए वरदान साबित होगी नई दिशा योजना : डॉ. बलजीत कौर