प्रदेश में 16 जगह की गई विशेष छापेमारी, 4 बच्चों को रेस्क्यू किया गया

Chandigarh News Update (आज समाज), चंडीगढ़। प्रदेश से बाल भिक्षावृत्ति को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए पंजाब सरकार का विशेष अभियान जीवनजोत लगातार जारी है। इस अभियान के तहत तेज और निरंतर कार्रवाइयों को और तेज गति दी है। यह जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि 16 जिलों में जिला बाल सुरक्षा टीमों द्वारा चलाए गए विशेष छापों के दौरान 4 भीख मांगते बच्चों को रेस्क्यू किया गया।

इन जिलों में विशेष तौर पर चलाया अभियान

ये छापे बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में मारे गए। फाजिल्का और पटियाला से 2-2 बच्चों को बचाया गया। फाजिल्का के दो बच्चों को दस्तावेज जांच और माता-पिता की काउंसलिंग के बाद घर भेज दिया गया है। बाकी दो बच्चों की पहचान और जांच प्रक्रिया अभी जारी है।

10 दिन में 192 बच्चों का किया गया रेस्क्यू

उन्होंने बताया कि पहले 10 दिनों के दौरान कुल 192 बच्चों को रेस्क्यू करके उनकी देखभाल हेतु आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने ऐसे माता-पिता या अज्ञात व्यक्तियों को चेतावनी दी जो बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की उम्र,शिक्षा और मानसिक विकास के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध संबंधित कानूनों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि जो कोई भी—चाहे वह माता-पिता हों या अन्य कोई व्यक्ति—यदि बच्चों को भीख मंगवाने के लिए मजबूर करता पाया गया, तो न केवल उन्हें अयोग्य संरक्षक घोषित किया जाएगा, बल्कि कानून के तहत 5 से 20 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है। डा. बलजीत कौर ने कहा कि जीवनजोत अभियान केवल बच्चों को भीख मांगने से रोकने का प्रयास नहीं है, बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा, भोजन, आवास और सम्मानजनक जीवन देने की एक संकल्पित पहल है।

ये भी पढ़ें : Amritsar Crime News : पाकिस्तान से चल रहे नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़