भारत भूषण आशु के नामांकन के दौरान बोले कांग्रेस नेता

Ludhiana Bypoll Update (आज समाज), लुधियाना : लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट के लिए बिसात बिछ चुकी है। सभी पार्टियां इस चुनाव को जीतने की पूरी योजना बना चुकी हैं। वहीं अभी इस सीट के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। आज इस प्रक्रिया के चौथे दिन कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु ने नामांकन भरा। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी भी थे। इससे पहले बुधवार को आजाद उम्मीदवार इंजी. बलदेव राज कतना (देबी) ने नामांकन दाखिल किया था।

इस दौरान राजा वडिंग ने कहा कि आप सरकार हर मोर्चे पर विफल है। प्रदेश की जनता कांग्रेस की तरफ आस भरी नजर से देख रही। नामांकन भरने की आखिरी तारीख दो जून है। नामांकन पत्रों की पड़ताल तीन जून को की जाएगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख पांच जून है। 19 जून को वोटिंग होगी। 23 जून को वोटों की गिनती के बाद नतीजा घोषित किया जाएगा।

इसलिए महत्वपूर्ण है यह उपचुनाव

उपचुनाव के लिए 19 जून को मतदान होगा और 23 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी (आप) के मौजूदा विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की गोली लगने के मौत के बाद यह सीट खाली हुई सीट थी। आप, कांग्रेस और शिअद ने अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। इस सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने भी इस सीट पर मजबूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जोकि आप उम्मीदवार को कडी टक्कर देंगे।

ऐसे में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भी इस सीट पर उपचुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यह सीट आप के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी है। ऐसे में अब आने वाले दिनों में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ते पारे के साथ तेज होंगी। इस विधानसभा सीट पर अब तक छह बार चुनाव जीत कर कांग्रेस का दबदबा रहा है, जबकि दो बार अकाली भाजपा के उम्मीदवार यहां से विधायक बने। इसके अलावा एक बार जेएनपी के उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की। अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान भी इस सीट पर चुनावी सभाएं कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे है।

1977 में हुआ था हलके का गठन

लुधियाना पश्चिमी विधानसभा हलके का गठन वर्ष 1977 में हुआ था। अब तक इस सीट के लिए नौ बार चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर वर्ष 1977 में जेएनपी पार्टी के नेता ए विश्वनाथन जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद कांग्रेस के जोगिंदर पाल पांडे ने वर्ष 1980 में जीत दर्ज की। वर्ष 1985, 1992, 2002 में कांग्रेस के हरनाम दास जौहर ने यह सीट पार्टी की झोली में डाली।

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