बाल भिक्षावृत्ति के खात्मे के लिए सख्त कार्रवाई, बैगरी एक्ट में होगा संशोधन
Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़। प्रदेश की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने घोषणा की है कि पंजाब बैगरी एक्ट (1971) में संशोधन किए जाएंगे। इन संशोधनों के माध्यम से ट्रैफिक लाइटों और चौराहों पर बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोहों, माता-पिता या अभिभावकों के खिलाफ सख्त सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा।
इस संबंधी ओर जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य के विभिन्न शहरों और कस्बों में ट्रैफिक लाइटों और चौराहों पर बच्चों से भीख मंगवाने वाले आपराधिक गिरोहों का पता लगाने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर विशेष टीमें बनाने का फैसला किया है। ये टीमें बच्चों को बचाकर उनके पुनर्वास के लिए सरकारी योजनाओं के तहत उचित इलाज, शिक्षा और आवास उपलब्ध कराएंगी।
भिक्षा मंगवाने वाले परिजनों पर हो कार्रवाई
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए कि यदि कोई भी व्यक्ति, माता-पिता या अभिभावक बच्चों से भीख मंगवाते हुए पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ जे.जे. एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी और ऐसे व्यक्ति सजा के पात्र होंगे। डा. बलजीत कौर ने बताया कि जुलाई 2024 से राज्य के सभी जिलों में जे.जे. एक्ट के तहत ‘प्रोजेक्ट जीवनजोत’ चलाया जा रहा है, जिसके तहत अब तक 286 बच्चे बचाए गए हैं।
इन बच्चों को हर तरह की सुरक्षा और देखभाल संबंधी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस साल पंजाब राज्य के 5 बड़े शहरों – अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, एसएएस नगर (मोहाली) और बठिंडा में एक पायलट प्रोजेक्ट (‘प्रोजेक्ट स्माइल’) की शुरूआत की जाएगी। इसके माध्यम से सड़कों और बाजारों में भीख मांगते बच्चों की पहचान कर उनके डी.एन.ए. टेस्ट करवाए जाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बच्चे किस परिवार से संबंधित हैं और बाल तस्करी या मानव व्यापार के मामलों को रोका जा सके।
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