कहा, पंजाब में पहली बार पुलिस कर्मियों की संख्या एक लाख के पार होगी

Punjab CM News (आज समाज), पटियाला : राज्य को पूरी तरह से नशा मुक्त करने के अपने संकल्प को दोहराते हुए सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा है कि उनकी सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही उन्होंने इस अभियान की सफलता का सेहरा पंजाब पुलिस के सिर बांधा और कहा कि प्रदेश पुलिस इस दिशा में बहुत ही बढ़िया कार्य कर रही है। इसके साथ ही मान ने कहा कि यह बुराई तब तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हो सकती जब तक प्रदेश की जनता सरकार को सहयोग न दे।

पंजाब पुलिस में बड़े पैमाने पर हो रही भर्ती

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज यहां कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था को प्रभावी ढंग से बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस में कर्मियों की संख्या पहली बार एक लाख के आंकड़े को पार करेगी, क्योंकि राज्य सरकार ने एक बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान शुरू किया है। पंजाब पुलिस के जांच अधिकारियों के लिए छह दिवसीय प्रमाणित इन्वेस्टिगेटर कोर्स की शुरूआत के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में पंजाब पुलिस की संख्या 80,000 थी, जो आज भी लगभग उतनी ही है।

उन्होंने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि पंजाब पुलिस को जिन चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उनमें कई गुना वृद्धि हुई है, पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब पुलिस में कर्मियों की संख्या जल्द ही एक लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार पहले ही बड़े स्तर पर भर्ती अभियान चला रही है।

छह दिवसीय कार्यशाला में भाग ले रहे 730 अधिकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई और महत्वपूर्ण पहल के तहत कुल 730 जांच अधिकारी इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत नशा तस्करों और स्मगलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने संबंधी विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नई और उन्नत तकनीकें अपनाने वाले अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब तस्करों को गिरफ्तार किया जाता था, तो वे अक्सर कानूनी खामियों का फायदा उठाकर सजा से बच निकलते थे।

उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक हस्तक्षेप भी काफी अधिक होता था, जिससे तस्करों को रिहा होने में मदद मिलती थी, लेकिन अब इस तरह के किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ निकट समन्वय बनाए हुए है और आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू होने से कई कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव आया है, जिससे यह प्रशिक्षण और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

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