कहा, 10 साल में देश को दिया जाएगा संपूर्ण सुरक्षा कवच
PM Modi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए संधोबित दिया। इस बार प्रधानमंत्री का भाषण कई मायनों में अहम रहा। एक तरफ जहां पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से सबसे लंबा भाषण देने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। वहीं उन्होंने अमेरिका और पाकिस्तान को बिना नाम लिए कड़ा संदेश दिया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने देश की जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए विश्वास दिलाया कि हमारा देश और देश का हर नागरिक पूरी तरह से सुरक्षित है और आने वाले समय में यह सुरक्षा और भी पुख्ता की जाएगी।
अगले 10 साल देश के लिए बहुत अहम
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने एक संकल्प लिया है, इसके लिए मुझे देशवासियों का आशीर्वाद चाहिए। क्योंकि समृद्धि कितनी ही हो, लेकिन सुरक्षा के साथ न हो तो इसका महत्व नहीं होता। मैं लाल किले से कह रहा हूं कि आने वाले 10 साल में यानी 2035 तक राष्ट्र के सभी अहम स्थलों जिनमें सामरिक के साथ साथ सिविलियन क्षेत्र भी शामिल हैं। जैसे अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र हों, उन्हें तकनीक के नए प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। ये सुरक्षा का कवच लगातार विस्तृत होगा। देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, किसी भी तरह की तकनीक आ जाए, हमारी तकनीक उसका मुकाबला करने में सक्षम हो।
हमने श्री कृष्ण जी के सुद्रर्शन चक्र की राह को चुना
पीएम मोदी ने कहा कि मैं 2035 तक इसके लिए राष्ट्रीय कवच को विस्तार देना चाहता हूं। भगवान श्रीकृष्ण का जो सुदर्शन चक्र था, हमने उस चक्र की राह को चुना है। जब महाभारत की लड़ाई चल रही थी श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में ही अंधेरा कर दिया था। तब अर्जुन ने जो शपथ ली थी जयद्रथ का वध करने की, उसे वे पूर्ण कर पाए थे, यह सुदर्शन चक्र की वजह से हुआ था। अब देश मिशन सुदर्शन चक्र लॉन्च करेगा।
इस तरह काम करेगा सुदर्शन चक्र
यह सुदर्शन चक्र एक ताकतवर वेपन सिस्टम दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही बल्कि दुश्मन पर कई गुना तेज पलटवार भी करेगा। हमने मिशन सुदर्शन चक्र के लिए कुछ मूलभूत बातें भी तय की हैं, हम 10 साल में उसे पूरी तेजी से आगे बढाना चाहते हैं। उसकी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पूरी रिसर्च देश में देश के लोगों द्वारा ही हो। वॉरफेयर के हिसाब से उसका हिसाब-किताब लेकर हम इस पर प्लस वन की नीति से काम करेंगे। सुदर्शन चक्र की एक खासियत थी कि उसका जो निशाना होता था, वहीं तक जाता था, और फिर वापस आ जाता था। हम भी सुदर्शन चक्र की तरह टारगेट के आधार पर आगे बढ़ेंगे।