भारत के प्रधानमंत्री ने यूक्रेनी राष्टÑपति से फोन पर की बात

Russia–Ukraine War (आज समाज), नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त कराने और दोनों देशों के मध्य शांति स्थापित कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर से कहा है कि विश्व शांति के लिए इन दोनों देशों के बची चल रहा युद्ध जल्द समाप्त होना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलादिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बारे में पीएम मोदी को विस्तार से बताया।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की का धन्यवाद किया। उन्होंने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति की शीघ्र बहाली के प्रयासों के प्रति भारत के दृढ़ और निरंतर रुख को दोहराया। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में हर संभव सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

यूक्रेन ने अमेरिका का प्रस्ताव किया स्वीकार

जेलेंस्की ने कहा कि अगले हफ्ते यूरोपीय नेताओं के साथ कई मुलाकातें अलग-अलग जगहों पर होंगी। यूक्रेन ने अमेरिका के सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और जेलेंस्की-पुतिन बैठक के लिए तैयार है, लेकिन रूस ने कुछ आपत्तियां जताई हैं। बता दें कि यूक्रेन ने अब तक कतर, सऊदी अरब, तुर्की, यूएई, स्विट्जरलैंड और अमेरिका में शांति वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश की है।

तीन साल से चल रही जंग खत्म करना चाहता है यूक्रेन

रूस और यूक्रेन बीच तीन साल से चल रहे संघर्ष में स्थिति दिन प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है। शांति वार्ता को लेकर चल रहे प्रयास भी धूमिल होते हुए दिख रहे है। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय नेताओं से अगले हफ्ते मुलाकात करना चाहता है ताकि रूस के साथ चल रही तीन साल की जंग को खत्म करने के प्रयासों पर चर्चा की जा सके। इस दौरान जेलेंस्की ने रूस पर आरोप लगाया कि वह शांति वार्ता में कोई गंभीर पहल नहीं कर रहा, बल्कि अब भी यूक्रेन के आम इलाकों पर हवाई हमले कर रहा है।

दोनों देश कर चुके हैं बहुत बड़े स्तर पर नुकसान का सामना

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से न केवल यूक्रेन पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है बल्कि रूस को भी इस युद्ध की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। एक तरफ जहां इस युद्ध में यूक्रेन के लाखों सैनिक व आम लोग अभी तक मारे जा चुके हैं वहीं यूके्रन की जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा देश से पलायन भी कर चुका है। दूसरी तरफ रूस के भी हजारों सैनिक इस युद्ध में अपनी जान गवा चुके हैं वहीं रूस को आर्थिक रूप से इस युद्ध में बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।