BJP MP Praveen Khandelwal On Turkey and Azerbaijan, (आज समाज), नई दिल्ली: बीजेपी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि देश भर के व्यापारी तुर्की और अजरबैजान के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने पर अंतिम निर्णय लेंगे, क्योंकि इन दोनों देशों ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए आॅपरेशन सिंदूर के बाद भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को समर्थन दिया था।
24 राज्यों से दिल्ली में इकट्ठे हो रहे व्यापारी नेता
बीजेपी सांसद ने कहा कि 24 राज्यों से व्यापारी नेता दिल्ली में आयोजित एक बैठक के लिए एकत्रित हो रहे हैं, ताकि पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए दोनों देशों, तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ आवाज उठाई जा सके। उन्होंने कहा कि देश के व्यापारियों ने भारत के खिलाफ रुख अपनाने वाले किसी भी देश के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने का संकल्प लिया है।
सभी व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश के सभी व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं और जो भी देश भारत के खिलाफ खड़ा होगा, व्यापारी उसका समर्थन नहीं करेंगे और उस देश के साथ व्यापार करने से परहेज करेंगे। हाल ही में हुए संघर्ष के बाद, भारत ने पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इसके व्यापारियों और अन्य व्यवसायों ने पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए तुर्की और अजरबैजान के बहिष्कार का आह्वान किया है।
हिमाचल : सेब उत्पादकों की सेब के आयात पर प्रतिबंध की मांग
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) जयराम ठाकुर ने राज्य में सेब उत्पादकों की तुर्की से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग का समर्थन किया है और कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई तुर्की के लिए भी की जानी चाहिए। 15 मई को हिमाचल प्रदेश के युवा सेब उत्पादकों ने तुर्की, ईरान, इराक और चीन से सेब के आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की।
जेएनय व एक अन्य यूनिवर्सिटी ने भी करार सस्पेंड किए
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति (वीसी) शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ एमओयू को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने ऐसे देश के साथ संबंध नहीं रखने का फैसला किया है जो आतंकवाद का समर्थन करता है और भारत की पीठ में छुरा घोंपता है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय ने भी तुर्की के यूनुस एमरे इंस्टीट्यूट के साथ अपने अकादमिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की घोषणा की है।
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