PNG-CNG Users : PNGRB द्वारा नए टैरिफ नियमन को मंजूरी दी है। जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। अगर आप पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए बड़ी खबर है। आने वाले 2-3 दिन में इनके सस्ते होने का रास्ता साफ हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) के बोर्ड ने नए टैरिफ नियमन को मंजूरी दे दी है।
PNGRB बोर्ड ने इस नए टैरिफ नियमन को हरी झंडी दे दी है ,इसका मतलब है कि एक जोन के सभी उपभोक्ताओं पर एक समान टैरिफ लागू होगा। इस यूनिफॉर्म टैरिफ के कारण कुछ जगहों पर कीमतें बढ़ेंगी और कुछ जगहों पर घटेंगी।
पीएनजी-सीएनजी के लिए बड़ी खबर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नए टैरिफ नियम लागू होने से एकीकृत टैरिफ जोन की संख्या 3 से घटकर 2 रह जाएगी। इससे कई शहरों में पीएनजी और सीएनजी के दाम कम हो जाएंगे। वहीं, कई शहरों में इनके दाम बढ़ भी जाएंगे। पहले फिलिंग स्टेशन से दूरी 300 किलोमीटर से ज्यादा होने पर गैस के दाम बढ़ जाते थे।
यानी दूरदराज के इलाकों में सीएनजी-पीएनजी के दाम ज्यादा थे, जबकि मध्य इलाकों में इनके दाम कम थे। लेकिन अब एकीकृत टैरिफ का प्रावधान होगा। इसका सीधा मतलब यह होगा कि जो दाम दिल्ली में होंगे, वही अब गाजियाबाद में भी होंगे। गाजियाबाद से दूर के शहरों में भी, जो इसी जोन में आएंगे, वही दाम लागू होंगे। इसे ‘एक देश, एक टैरिफ’ की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
नए विनियमन के मुख्य और संभावित प्रभाव
नए विनियमन के कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं जिनका देश में गैस वितरण और कनेक्टिविटी पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा:
दूरस्थ क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन
नए विनियमन का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि दूरदराज के क्षेत्रों में अपनी सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में सीएनजी-पीएनजी कनेक्टिविटी को बढ़ाना है ताकि देश के हर कोने तक स्वच्छ ऊर्जा पहुंच सके। इससे गैस नेटवर्क के विस्तार में तेजी आएगी।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम
सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत 2030 तक 120 मिलियन घरेलू पीएनजी कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत 17,500 सीएनजी स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। यह नया विनियमन इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा क्योंकि यह दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा।
मूल्य स्थिरता
एकीकृत टैरिफ से विभिन्न क्षेत्रों में कीमतों में अधिक स्थिरता आएगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए लागत का अनुमान लगाना आसान हो जाएगा। यह व्यापार और उद्योग के लिए समान अवसर भी बनाएगा।
बुनियादी ढांचे का विकास
ऑपरेटरों को दूरदराज के क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किए जाने के साथ, गैस पाइपलाइन नेटवर्क और फिलिंग स्टेशन तेजी से बढ़ेंगे, जिससे अधिक लोगों तक गैस की पहुंच सुनिश्चित होगी।
उपभोक्ताओं पर सीधा असर
एकीकृत टैरिफ का उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि आपके शहर में कीमतें घटेंगी या बढ़ेंगी, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका शहर किस नए एकीकृत टैरिफ जोन में आता है और वहां मौजूदा कीमत क्या है।
कम दूरी वाले शहरों में बढ़ोतरी
जिन शहरों में पहले गैस सस्ती थी (फिलिंग स्टेशन के नजदीक होने के कारण), वहां कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।
लंबी दूरी पर स्थित शहरों में कमी
जिन शहरों में पहले गैस महंगी थी (फिलिंग स्टेशन से दूरी के कारण), वहां कीमतों में कमी आ सकती है, जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को होगा।
कुल मिलाकर, यह विनियमन देश में गैस की कीमत संरचना को अधिक तर्कसंगत और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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