• आतंकियों व उनके आकाओं के लिए काल बनी चुनौती :

PM Modi In Bhopal, (आज समाज), भोपाल: महान रानी अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) की आज 300वीं जयंती है और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ (Women Empowerment Conference) में शामिल हुए। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर को नमन किया और उसके बाद वह  भोपाल स्थित जंबूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे।

विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री ने  महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन को संबोधित करते हुए रानी अहिल्या के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान को चुनौती दी। भारतीय सशस्त्र बलों के ‘आपरेशन सिंदूर’ का जिक्र कर उन्होंने कहा, सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है और गोली का जवाब गोले से मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर, दतिया और सतना एयरपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन किया और विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

अब मेट्रो से भी होगी इंदौर की पहचान

इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के उद्घाटन अवसर पर पीएम ने कहा पीएम ने कहा कि इंदौर ने बेहतर सफाई से अपनी पहचान बनाई है और अब मेट्रो से भी इस शहर की होगी। उन्होंने बताया कि एमपी रेल नेटवर्क में विस्तार का काम भी जारी है। रतलाम-नागदा रूट को फोर लेन कर दिया गया है और इससे ट्रेन का संचालन ठीक से होगा। मोदी ने बताया कि सतना व दतिया हवाई अड्डे को तोहफा मिल गया है, जिससे शारदा देवी व पीतांबरा पीठ के दर्शन सुगम हो जाएंगे।

आपरेशन सिंदूर में बीएसएफ की बेटियों ने दिखाया अद्भुत शोर्य

प्रधानमंत्री ने ‘आपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी और यही चुनौती आतंकियों के साथ ही उनके आकाओं के लिए भी काल बन गई। उन्होंने कहा, हम सब जानते हैं कि आपरेशन सिंदूर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का जम्मू-कश्मीर से गुजरात तक अहम योगदान रहा है। और यही नहीं, उस दौरान बीएसएफ की वीर बेटियों ने कई जगह मोर्चा संभालकर अद्भुत शोर्य दिखाया है। सीमा पार से हो रही गोलीबारी का उन्होंने करारा जवाब दिया है। बेटियों के इस पराक्रम को पूरी दुनिया ने देखा है।

अहिल्याबाई ने मालवा की सेना में बनाई थी महिलाओं की टुकड़ी

मोदी ने देवी अहिल्या का जिक्र करते हुए कहा कि यह वही थीं, जिन्होंने उस कालखंड में कहा था कि जिनके पति की असामयिक मौत हो गई हो, उन महिलाओं को भी संपत्ति में अधिकार होना चाहिए। उस समय ऐसी बातें करना भी बहुत मुश्किल होता था, पर अहिल्याबाई होल्कर ने समाज सुधारों को अपनी तरफ से पूरा समर्थन दिया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि रानी अहिल्याबाई ने मालवा की सेना में महिलाओं की एक विशेष टुकड़ी भी बनाई थी। पश्चिम की दुनिया के लोग इस बात से बेखबर हैं। वे हमें हमारी माताओं व बहनों के अधिकारों के नाम पर नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।

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