मां लक्ष्मी की बनी रहेगी कृपा
Shami Plant Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: दशहरे पर धार्मिक मान्यता के अनुसार कुछ विशेष पौधे लगाने से विजय, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। शास्त्रों में इसे शुभ माना गया है। यह परंपरा न केवल आस्था से जुड़ी है बल्कि घर-परिवार में सौभाग्य और सुख-शांति लाने वाली भी है।

भगवान राम ने भी की थी शमी के पौधे की पूजा

हिंदू धर्म में शमी के पौधे का विशेष महत्व बताया गया है। रामायण की कथा के अनुसार, भगवान राम ने रावण से युद्ध से पहले इस पौधे के वृक्ष के सामने झुककर विजय की कामना की थी। इसलिए दशहरे पर इसकी पूजा करना शक्ति और विजय पाने का प्रतीक माना जाता है।

पांडवों ने छिपाए दिव्य अस्त्र-शस्त्र

महाभारत में भी इसका उल्लेख मिलता है। पांडवों ने अपने वनवास के दौरान अपने दिव्य अस्त्र-शस्त्र शमी पौधे के वृक्ष में छिपा दिए थे। अज्ञातवास समाप्त होने के बाद उन्होंने इन्हीं अस्त्रों को निकालकर महाभारत का युद्ध जीता। इसलिए इसे साहस और सफलता का प्रतीक माना जाता है।

नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता

दशहरे पर इस पौधे को लगाने के फायदे सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति इस पौधे को घर में लगाने से वातावरण शुद्ध और सकारात्मक बनता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मन को शांत रखता है। दशहरे के दिन इसे लगाना घर में शांति और खुशी बनाए रखने के लिए शुभ माना जाता है।

आर्थिक समस्याएं होंगी दूर

आर्थिक समृद्धि और सौभाग्य वास्तु शास्त्र में इस पौधे को सौभाग्य का कारक माना गया है। इसे घर या आॅफिस में लगाने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और नई अवसरों के द्वार खुलते हैं। इसे घर के पश्चिम या दक्षिण दिशा में लगाना विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।

विजय और सुरक्षा का प्रतीक

विजय और सुरक्षा का प्रतीक दशहरा विजय का पर्व है और यह पौधा विजय का प्रतीक माना जाता है। इसे लगाने से जीवन में आने वाली रुकावटें कम होती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है। घर के मुख्य द्वार के पास इसे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर ही रुक जाती है।

पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद

पर्यावरण के लिए फायदेमंद यह पौधा सूखी जमीन में भी आसानी से उगता है और मिट्टी के कटाव को रोकता है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और छोटे जीव-जंतुओं व पक्षियों के लिए आश्रय प्रदान करता है। इसे लगाना पर्यावरण के लिए भी अच्छा कदम है।

रावण दहन से पहले की जाती है पूजा

पूजा विधि दशहरे के दिन इस पौधे की पूजा सुबह या रावण दहन से पहले की जाती है। इसकी पत्तियों पर हल्दी-कुमकुम और चावल चढ़ाकर दीपक जलाया जाता है। इसके बाद पत्तियां घर लाकर तिजोरी या मंदिर में रखी जाती हैं ताकि घर में धन और समृद्धि बनी रहे।

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