PF Withdrawal New Rules (आज समाज) : कई बार, इमरजेंसी में लोगों को अपने पीएफ अकाउंट में मौजूद पैसे तक एक्सेस नहीं मिल पाता। अगर वे पैसे निकालते भी हैं, तो उन्हें कोई वैलिड कारण बताना पड़ता है। लेकिन अब सरकार ने ईपीएफओ नियमों में बड़े बदलाव का संकेत दिया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, नए प्रस्ताव के मुताबिक, साल में छह बार तक पीएफ निकासी की अनुमति मिल सकती है। सबसे खास बात यह है कि इसके लिए कोई कारण बताने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, एक शर्त है। पूरी रिपोर्ट पढ़ें।

इमरजेंसी में कर्मचारियों को मिलेगी राहत

रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित बदलावों में साल में छह बार बिना किसी कारण के पीएफ निकासी की अनुमति देना शामिल है। इससे इमरजेंसी में कर्मचारियों को तुरंत राहत मिलेगी, कैश फ्लो मैनेजमेंट आसान होगा और उनके फाइनेंस पर बेहतर कंट्रोल होगा। हालांकि, एक शर्त यह है कि कोई भी व्यक्ति अपने पीएफ बैलेंस का 50% से ज़्यादा नहीं निकाल सकता। यह लिमिट इसलिए तय की गई है ताकि पीएफ बैलेंस पूरी तरह खत्म न हो और रिटायरमेंट के लिए फंड बचा रहे।

पहले क्या थे नियम ?

पहले पीएफ निकासी के कुछ नियम थे। शादी के लिए 50% पीएफ बैलेंस निकाला जा सकता था, लेकिन इसके लिए कम से कम 7 साल की मेंबरशिप होनी चाहिए थी। पढ़ाई के लिए भी 50% पीएफ निकालने का ऑप्शन था, लेकिन अकाउंट 7 साल पुराना होना चाहिए था।

घर खरीदने या बनाने के लिए पीएफ बैलेंस और EPS से पैसे निकाले जा सकते थे, लेकिन इसके लिए कम से कम 5 साल की नौकरी होनी चाहिए थी। मेडिकल इमरजेंसी में जरूरत के हिसाब से पैसे निकाले जा सकते थे, इसकी कोई लिमिट नहीं थी। बेरोज़गारी की स्थिति में 75% पीएफ निकालने का ऑप्शन था, लेकिन कम से कम एक महीने तक बेरोज़गार होना ज़रूरी था।

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