मां दुर्गा होंगी प्रसन्न, मिलेगा पूजा का पूरा फल
Maa Durga Aarti, (आज समाज), नई दिल्ली: आज शारदीय नवरात्र का पहला दिन है। 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों में देवी की उपासना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है जो देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं। इस दिन कलश स्थापना के बाद देवी की आरती की जाती है, जिससे पूजा का पूरा फल मिलता है।

मां दुर्गा की आरती

  • जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
    तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
    उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
    रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
    सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दु:खहारी।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
    कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
    धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
    मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
    आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
    बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
    भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
    मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
    श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
  • जय अम्बे गौरी,…।
  • अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
    कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
  • जय अम्बे गौरी,…।

मां शैलपुत्री आरती

  • शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
  • शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी
  • पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
  • ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
  • सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
  • उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
  • घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
  • श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
  • जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
  • मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

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