नहीं होगी धन-धान्य की कमी
Papankusha Ekadashi Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह विजयादशमी या दशहरे पर्व के एक दिन बाद मनाई जाती है। इस बार पापांकुशा एकादशी का व्रत शुक्रवार 3 अक्टूबर को किया जाएगा। माना जाता है कि इस दिन पर व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और उसके सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

एकादशी के दिन तुलसी पूजन का विशेष महत्व है, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। ऐसें में यदि आप इस दिन पर तुलसी से जुड़े ये खास उपाय करते हैं, तो इससे आपको प्रभु श्रीहरि की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।

इस तरह करें पूजा

एकादशी के शाम को तुलसी के पास गाय के घी का दीपक जलाएं और तुलसी की 7 या फिर 11 बार परिक्रमा करें। इससे जातक पर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है। साथ ही तुलसी के पास दीपक जलाने से बुरी शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

जरूर करें ये काम

तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है। इसके साथ ही तुलसी के बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है। ऐसे में एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

करें इन मंत्रों का जप

  • महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

तुलसी गायत्री

  • ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।।

तुलसी स्तुति मंत्र

  • देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरै:।
    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
  • तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
  • लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी नामाष्टक मंत्र

  • वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
    पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
  • एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
    य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

रखें इन बातों का ध्यान

एकादशी के दिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि तुलसी में जल अर्पित करना, तुलसी के पत्ते तोड़ना या तुलसी को स्पर्श शुभ नहीं माना जाता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी पर तुलसी माता निर्जला व्रत करती हैं। ऐसे में इन सभी कार्यों को करने से तुलसी जी के व्रत में विघ्न पड़ सकता है।

इसके साथ ही भगवान विष्णु के भोग में शामिल करने के लिए आप तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही उतार कर रख सकते हैं या फिर गमले में गिरे हुए तुलसी के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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