Uproar In Parliament, (आज समाज), नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी दोनों सदनों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर हंगामा जारी रहा। बता दें कि देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग के निर्देश पर एसआईआर की प्रक्रिया जारी है और इंडिया ब्लॉक सहित विपक्षी पार्टियों के सदस्य पर संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़े हैं। सोमवार को सत्र के पहले दिन भी इसी मसले पर विपक्ष के हंगामे के चलते कामकाज नहीं हो सका।
मकर द्वार के पास विरोध प्रदर्शन किया
मंगलवार सुबह भी संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ‘इंडिया’ ब्लॉक के सदस्यों व अन्य विपक्षी सांसदों ने मकर द्वार के पास एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में एसआईआर पर हंगामा हुआ। सांसद नारेबाजी करते हुए वेल तक आ गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को स्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से शोर-शराबा न करने की अपील की।
हंगामे के बीच मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा, लोग मर रहे हैं और इसके बावजूद एसआईआर काम निरंतर जारी है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र की रक्षा के लिए एसआईआर को लेकर संसद में तत्काल चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, देश, लोकतंत्र व जनता के हित में, मैं चाहता हूं कि इस पर अभी चर्चा हो।
विपक्ष समयसीमा तय नहीं कर सकता : रिजिजू
इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, हम चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष इसके लिए समयसीमा तय नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, हम इसे लेकर विपक्षी दलों के नेताओं से चर्चा करेंगे। रिजिजू ने यह भी कहा कि विपक्ष बिहार में विधानसभा चुनावों में मिल करारी हार का गुस्सा संसद में निकाल रहा है। उन्होंने कहा, देश में कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, पर आप एक मुद्दे के लिए अन्य को कमतर नहीं आंक सकते। सभी मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। संसदीय लोकतंत्र में हमें हर मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए।
विपक्ष पहले सलाह मशविरा तो करे
रिजिजू ने कहा, सरकार भी चर्चा के लिए तैयार हैं, पर आप पहले सलाह मशविरा तो करें। इसके बजाय आप तो समयसीमा तय कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार को इसी समय बताना चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, यह ठीक नहीं है। विपक्ष पर उन्होंने कहा, आप चुनाव जीत नहीं पा रहे हैं, लोगों को आप पर भरोसा नहीं है और अपना गुस्सा आप लोग संसद में निकाल रहे हैं जो अनुचित है। मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि स्थगन प्रस्ताव देने वाले सांसदों के नाम भी नहीं पढ़े जा रहे हैं और प्रस्ताव को खारिज कर दिया जा रहा है। उन्होंने सभापति के विपक्ष की तरफ न देखने पर भी आपत्ति जताई। जिस पर सभापति ने कहा कि जब सदन आॅर्डर में ही नहीं है तो वे सभी की बात कैसे सुन सकते हैं।
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